लखनऊ, 27 फरवरी। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर रविवार को लगभग 57 फीसदी मतदान दर्ज किया गया, जो वर्ष 2017 की तुलना में करीब सवा फीसदी कम है।
वर्ष 2017 के मुकाबले सवा फीसदी कम मतदान
फिलहाल पांचवे चरण में 90 महिलाओं सहित कुल 693 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई हैं। निर्वाचन आयोग ने आधिकारिक तौर पर शाम पांच बजे तक औसतन 53.93 फीसदी मताधिकार के प्रयोग की घोषणा की थी जबकि निर्वाचन आयोग के एप वोटर्स टर्नआउट में रात 11.15 बजे तक दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 61 विधानसभा सीटों पर 56.97 मतदाताओं ने वोट डाले थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 12 जिलों में 58.24 प्रतिशत मतदान हुआ था।
बाराबंकी में 65.37 फीसदी मतदान, प्रतापगढ़ में सबसे कम 52.65% वोटिंग
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार शाम छह बजे तक बाराबंकी में सबसे ज्यादा 65.37 फीसदी मतदान हुआ था जबकि प्रतापगढ़ में सबसे कम 52.65 लोगों ने वोट डाले थे। इसके अलावा चित्रकूट में 61.34 प्रतिशत, अमेठी में 55.86 फीसदी, अयोध्या में 59.49 फीसदी, बहराइच में 57.07 फीसदी, बाराबंकी में 65.37 फीसदी, गोंडा में 56.03 फीसदी, कौशांबी में 59.56 फीसदी, प्रयागराज में 53.77 फीसदी, रायबरेली में 56.60 फीसदी, श्रावस्ती में 57.24 फीसदी और सुलतानपुर में 56.42 फीसदी औसतन मतदान हुआ।
निर्वाचन आयोग को 549 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें 293 सत्य पाई गईं
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने पत्रकारों को बताया कि पांचवें चरण में आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन के लिए निर्वाचन आयोग के मोबाइल एप सी-विजिल पर कुल 549 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें जॉंच के दौरान 293 शिकायतें सत्य पाई गईं एवं उन पर काररवाई की गई।
प्रयागराज के कोरांव में दोपहर तक मतदान का बहिष्कार
इसी क्रम में प्रयागराज में कोरांव विधानसभा क्षेत्र के भोगन गांव के मतदाताओं ने क्षेत्र में कैनाल नहीं होने के कारण मतदान का बहिष्कार किया। गांव के लोगों ने यह कहते हुए दोपहर तक मतदान नहीं किया कि ‘पंप कैनाल नहीं तो वोट नहीं।’ दोपहर करीब 12 बजे तक वहां वोट डालने कोई भी बूथ तक नहीं पहुंचा।