नई दिल्ली, 14 मई। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटें जीतकर जहां शानदार वापसी की है वहीं सत्तारूढ़ भाजपा और जेडीएस, दोनों की सीटें कम हुई हैं। लेकिन इन तीनों पार्टियों के अलावा हाल ही में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने वाली आम आदमी पार्टी की तो दुर्गति ही हो गई। वजह 200 से ज्यादा सीटों पर उसके प्रत्याशी उतरे थे और उन सभी की जमानत तक जब्त हो गई। पार्टी को सिर्फ 0.58 फीसदी वोट हासिल हो सके।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने पिछले कुछ वर्षों में कई विधानसभा चुनाव लड़े हैं। दिल्ली के बाद पिछले वर्ष उसने पंजाब में भी अपने बूते सरकार बनाई तो गुजरात चुनाव में भी पार्टी ने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया था। इससे पूरी पार्टी में उत्साह था, जिसके परिणामस्वरूप ‘आप’ ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवार उतारे।
208 उम्मीदवारों को कुल मिलाकर सवा दो लाख वोट मिले
आम आदमी पार्टी ने कुल 224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक में 208 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। इसके जरिए वह दक्षिण में अपनी पहुंच बढ़ाना चाहती थी। पार्टी ने भ्रष्टाचार मुक्त, वेलफेयर स्कीम, शिक्षा आदि के मुद्दे पर पूरा चुनाव लड़ा था और जनता से कई वादे किए थे। पार्टी को सिर्फ सवा दो लाख ही वोट मिले हैं जबकि पार्टी का दावा है कि उसके दो लाख कार्यकर्ता कर्नाटक में हैं।
अंग्रेजी अखबार ‘डेकन हेराल्ड’ के अनुसार आम आदमी पार्टी के 208 उम्मीदवारों में सिर्फ 72 ही एक हजार या फिर उससे अधिक वोट हासिल कर सके। कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता बृजेश कलप्पा को, जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी, चिकपेट से सिर्फ 600 वोट ही मिले।
वोट शेयर नोटा से भी कम रहा
आम आदमी पार्टी का कर्नाटक में वोट शेयर 0.58 फीसदी ही रहा। यह नोटा को राज्य में मिले 0.69 फीसदी से भी कम था। साल 2018 में भी आम आदमी पार्टी ने कर्नाटक चुनाव लड़ा था और 29 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। तब पार्टी को 20 हजार से कुछ ही ज्यादा वोट मिले थे।
उत्तर कर्नाटक में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन
बेंगलुरु की 28 विधानसभाओं में से आम आदमी पार्टी को सिर्फ 16 जगह ही हजार से ज्यादा वोट मिल सके हैं। बेंगलुरु साउथ में 2,585 वोट मिले जबकि महादेवपुरा में 4,551 वोट मिले। बीटीएम लेआउट में 1055 वोट आम आदमी पार्टी ने हासिल किए। हालांकि, ‘आप’ ने उत्तर कर्नाटक की 19 विधानसभाओं में अन्य के मुकाबले थोड़ा बेहतर प्रदर्शचन जरूर किया है। यहां पर तीन सीटों में पार्टी के उम्मीदवारों को तीन हजार से ज्यादा वोट मिले हैं।