बेंगलुरु, 6 अप्रैल। कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार को आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने के संबंध में 13 अप्रैल से पहले एक आदेश पारित करने का निर्देश दिया। अदालत के निर्देश का जवाब देते हुए सीईसी प्रतिनिधि ने पुष्टि की है कि 11 अप्रैल को ऐसा ही किया जाएगा। हाई कोर्ट का यह फैसला तब आया, जब ‘आप’ ने पार्टी को ‘राष्ट्रीय पार्टी’ का दर्जा दिए जाने में हो रहे विलम्ब को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
याचिका ‘आप’ कर्नाटक इकाई के संयोजक पृथ्वी रेड्डी द्वारा कर्नाटक हाई कोर्ट में दायर की गई थी। ‘आप’ ने याचिका में कहा है कि वह राष्ट्रीय पार्टी के रूप में नामित होने के लिए आवश्यक सभी शर्तों को पूरा करती है, इसके बावजूद पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिए जाने में देरी हुई है। ‘आप’ ने राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता की शर्त के संबंध में चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के खंड 6बी का भी हवाला दिया।
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की पहली शर्त के अनुसार, किसी भी चार या अधिक राज्यों में पार्टी द्वारा खड़े किए गए उम्मीदवारों ने लोकसभा या संबंधित राज्य की विधानसभा के लिए पिछले आम चुनाव में छह प्रतिशत से कम मत नहीं हासिल किया है। उस आम चुनाव में उनमें से प्रत्येक राज्य में डाले गए कुल वैध मतों का प्रतिशत और इसके अलावा, इसने किसी राज्य या राज्यों से पूर्वोक्त पिछले आम चुनाव में लोक सभा में कम से कम चार सदस्य लौटाए हैं।
दूसरी शर्त के तहत, लोकसभा के पिछले आम चुनाव में, पार्टी ने लोकसभा में कुल सीटों की संख्या का कम से कम दो प्रतिशत जीता है, आधे से अधिक किसी भी अंश को एक के रूप में गिना जाता है तथा पार्टी के उम्मीदवार कम से कम तीन राज्यों से उस सदन के लिए चुने गए हैं। वहीं तीसरी शर्त के अनुसार, पार्टी को कम से कम चार राज्यों में राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त है।