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भारत सरकार को आघात : कनाडा में एएआई और एअर इंडिया की लाखों डॉलर की संपत्तियां जब्त

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नई दिल्ली, 4 जनवरी। कनाडा की एक अदालत से भारत सरकार को उस समय आघात लगा, जब देवास मल्टीमीडिया के साथ चल रहे कई वर्ष पुराने एक मुकदमे में अदालती आदेश के बाद एअर इंडिया और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की लाखों डॉलर की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं। ये संपत्तियां कनाडा के क्यूबेक प्रांत में इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के पास रखी हुई थीं।

एंट्रिक्स कॉर्प और देवास के बीच हुए सौदे से जुड़ा है मसला

यह मामला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एंट्रिक्स कॉर्प और देवास के बीच हुए एक सेटेलाइट सौदे से जुड़ा है, जिसे 2011 में रद कर दिया गया था। इस मामले में इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के कोर्ट ने देवास के पक्ष में फैसला सुनाया था और भारत सरकार को 1.3 बिलियन डॉलर देने को कहा था।

भारत सरकार के खिलाफ कोर्ट गए थे देवास के विदेशी शेयरधारक

देवास के विदेशी शेयरधारक इस फैसले को आधार बनाकर रिकवरी के लिए कनाडा और अमेरिका समेत कई देशों में भारत सरकार के खिलाफ अदालत की शरण में गए थे। क्यूबेक के सुपीरियर कोर्ट ने इस सिलसिले में 24 नवंबर और 21 दिसंबर को दो ऑर्डर सुनाए। कोर्ट ने आईएटीए के पास रखीं एएआई और एअर इंडिया की संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया गया, ताकि देवास के पक्ष में रिकवरी की जा सके।

इन आदेशों के बाद एएआई की करीब 6.8 मिलियन डॉलर की संपत्तियां क्यूबेक में जब्त की गईं। एअर इंडिया की कितनी संपत्तियां जब्त हुई हैं, अभी इसका वास्तविक मूल्यांकन नहीं हो पाया है। हालांकि बताया जा रहा है कि एयर इंडिया की 30 मिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्तियां जब्त हुई हैं।

टाटा समूह को कोई नुकसान होने का अंदेशा नहीं

हालांकि इस फैसले पर अब तक भारत सरकार, एअर इंडिया या एएआई की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस काररवाई से टाटा समूह को कोई नुकसान होने का अंदेशा नहीं है। ज्ञातव्य है कि एअर इंडिया की हाल ही में सफल नीलामी हुई है और अब यह टाटा समूह का हिस्सा बन चुकी है। टाटा समूह और सरकार के बीच हुई डील के तहत इस तरह के मामलों में सुरक्षा कवर का प्रावधान किया गया है।

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