नई दिल्ली, 17 जनवरी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए जानकारी दी है कि अब कोई सदस्य जन्मतिथि (डेट ऑफ बर्थ) को अपडेट करने या उसमें बदलाव के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। EPFO ने इसे मान्य दस्तावेज की लिस्ट से बाहर कर दिया है। संगठन ने 16 जनवरी को एक सर्कुलर जारी करते हुए इस संदर्भ में जानकारी दी है।
EPFO ने जारी किया सर्कुलर
श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले EPFO द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार UIDAI से एक पत्र भी मिला है। इसमें बताया गया है कि जन्मतिथि में बदलाव के लिए आधार कार्ड मान्य नहीं होगा। इसे मान्य दस्तावेज की सूची से हटा दिया जाए। इसलिए आधार को हटाने का फैसला लिया गया है।
जन्मतिथि अपडेट करने के लिए अब इन दस्तावेज की पड़ेगी जरूरत
EPFO के अनुसार जन्म प्रमाणपत्र की मदद से यह बदलाव किया जा सकेगा। इसके साथ ही किसी सरकारी बोर्ड या यूनिवर्सिटी से प्राप्त मार्कशीट और स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट या स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा जिसमें नाम और जन्मतिथि का उल्लेख होना चाहिए। इसके अलावा सिविल सर्जन द्वारा जारी किया गया मेडिकल सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, पैन नंबर, सरकारी पेंशन एवं मेडिक्लेम सर्टिफिकेट और डोमिसाइल सर्टिफिकेट का इस्तेमाल हो सकेगा।
पहचान पत्र व निवास प्रमाण पत्र के तौर पर ही अब AADHAR का इस्तेमाल
UIDAI ने बताया कि आधार कार्ड को सिर्फ पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आधार 12 अंकों का यूनिक पहचान पत्र है। इसे भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है। यह पूरे देश में आपकी पहचान और स्थायी निवास के सबूत के तौर पर मान्य है। हालांकि, आधार बनाते समय लोगों के विभिन्न दस्तावेज के हिसाब से उनकी जन्मतिथि डाली गई थी। लेकिन, अब इसे जन्म प्रमाण पत्र का विकल्प न माना जाए।
UIDAI ने 22 दिसम्बर, 2023 को जारी किया था सर्कुलर
गौरतलब है कि आधार एक्ट 2016 पर विभिन्न कोर्ट कई बार स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र बनाम UIDAI एवं अन्य केस में भी कहा था कि आधार नंबर को पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाए न कि जन्म प्रमाण पत्र की तरह। इसके बाद UIDAI ने 22 दिसम्बर, 2023 को सर्कुलर जारी किया था।