चेन्नई, 18 मई। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के एक सजायाफ्ता एजी पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट से मिली आजादी के बाद कहा कि उसकी रिहाई उसकी मां के आशीर्वाद का नतीजा है। लगभग तीन दशकों तक सलाखों के पीछे रहने वाले एजी को वर्ष 1998 में दोषी ठहराया गया था।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई, 1991 में श्रीपेरंबुदूर में लिट्टे आत्मघाती हमले हो गई थी। राजनीव गांधी उस समय लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए तमिलननाडु की यात्रा पर थे।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत राजीव हत्याकांड में सजा काट रहे पेरारिवलन को रिहाई का आदेश दिया। एजी के रिहाई का आदेश देते हुए जस्टिस एल. नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने कहा कि तमिलनाडु कैबिनेट ने सितंबर 2018 में कफी सोच-विचार के बाद ही राज्यपाल को एदी पेरारिवलन की रिहाई की सिफारिश की थी।
‘मेरी मां 31 वर्षों तक इंसाफ की लड़ाई लड़ी, यह फैसला उसके संघर्ष का नतीजा‘
सुप्रीम कोर्ट से मिली रिहाई के बाद एजी ने कहा कि वह अपनी मां के संघर्ष के कारण आज आजाद हवा में सांस ले रहा है। तमिलनाडु के जोलारपेट्टई स्थित अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए एजी ने कहा, ‘हमने ईमानदारी से लड़ाई लड़ी और मेरी मां अर्पुथम्मल के हौसले से मुझे ताकत मिली। मेरी कैद के दौरान मां ने बहुत अपमान और दर्द सहा है। मुश्किलों के बावजूद उसने मेरे लिए 31 साल तक इंसाफ की लड़ाई लड़ी। यह फैसला मेरी मां के संघर्ष का नतीजा है।’
पेरारिवलन ने कहा, ‘जेल की कैद से अभी बाहर आया हूं। 31 साल में बहुत कुछ बदल चुका है। अभी मैं लंबी सांस लूंगा। मुझे इसके लिए कुछ समय चाहिए।’ एजी ने तिरुक्कुरल दोहे
मां बोली – मेरे बहादुर बेटे ने उस दर्द पर काबू पा लिया है
इस मौके पर पेरारिवलन की मां अर्पुथम्मल ने कहा, ‘मीडिया बीते 31 वर्षों तक चली लंब लड़ाई के बारे में सब कुछ जानता है। कई लोगों ने इस लड़ाई में मेरा साथ दिया है, जिसके लिए मैं सभी को धन्यवाद देती हूं। सोचिए, एक आदमी ने जेल में इतना लंबा समय गुजार कर कितना दर्द सहा होगा, लेकिन मेरे बहादुर बेटे ने उस दर्द पर काबू पा लिया है।’
पेरारिवलन की गिरफ्तारी और रिहाई
स्मरण रहे कि राजीव गांधी की हत्या के बाद देशभर की सुरक्षा एजेंसियां सकते में आ गई थीं। लगातार संदिग्ध आरोपितों की धरपकड़ चल रही थी। इसी दौरान सीबीआई की एसआईटी को बड़ी कामयाबी मिली और 11 जून, 1991 को एजी पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया।
बम धमाके के लिए 9 वोल्ट की दो बैटरी खरीद कर मास्टरमाइंड को देने का आरोप
हत्याकांड में बम धमाके के लिए इस्तेमाल की गई 9 वोल्ट की दो बैटरी खरीद कर मास्टरमाइंड शिवरासन को देने का दोष पेरारिवलन के खिलाफ अदालत में सिद्ध हो गया था। इस मामले पेरारिवलन समेत सात लोग दोषी पाए गए थे, जिन्हें सजा-ए-मौत सुनाई गई थी। लेकिन बाद में कुछ दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था, जिसमें पेरारिवलन भी शामिल था। पेरारिवलन को लेकर कई बार सियासी उठा पठक भी हुई और अब तीन दशक से ज्यादा का वक्त जेल में बिताने के बाद वह जेल से बाहर आया है।