अमेरिका ने उठाया सवाल – स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं कहे जा सकते बांग्लादेश के आम चुनाव
वॉशिंगटन, 9 जनवरी। अमेरिका ने बांग्लादेश में संपन्न आम चुनाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे निष्पक्ष और स्वतंत्र नहीं कहे जा सकते। अमेरिका की ओर से बांग्लादेश के प्रति यह कठोर टिप्पणी उस वक्त की गई, जब प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विपक्ष के बहिष्कार और सामूहिक गिरफ्तारियों के बीच हुए चुनाव में पांचवीं बार जीत हासिल फिर से सत्ता हासिल कर ली है।
ज्यादातर राजनीतिक दलों को चुनाव बहिष्कार पर जताया खेद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, ‘बांग्लादेश चुनाव के संबंध में अमेरिका अन्य पर्यवेक्षकों के साथ इस संयुक्त विचार को साझा कर रहा है कि ये चुनाव न तो स्वतंत्र हुए और न ही निष्पक्ष हुए। हमें खेद है कि बांग्लादेश के आम चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने हिस्सा नहीं लिया।’
बांग्लादेश में हुई हिंसा के अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की अपील
मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका चुनावों के दौरान और उसके बाद के महीनों में हुई हिंसा की निंदा करता है। हम बांग्लादेश सरकार को हिंसा की रिपोर्टों की विश्वसनीय जांच करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए कहेंगे।’
ब्रिटेन भी उठा चुका है चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल, लेकिन भारत का विपरीत रूख
अमेरिका का यह बयान ब्रिटेन की ओर से की गई टिप्पणी का समर्थन करता है, लेकिन अमेरिका के इस बयान से भारत इत्तेफाक नहीं रखता। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के आम चुनाव में शेख हसीना की जीत पर उन्हें बधाई दी।
इस पूरे प्रकरण में दिलचस्प पहलू यह है कि भारत की तरह अमेरिकी सरकार का कामकाजी संबंध शेख हसीना सरकार से काफी मधुर रहा है। भारत की तरह अमेरिका भी हसीना सरकार को व्यापार समर्थक और इस्लामी चरमपंथ का विरोध करने वाली समान विचारधारा का मानता है, लेकिन वॉशिंगटन नागरिक अधिकारों के मुद्दों पर शेख हसीना सरकार की आलोचना से भी नहीं कतराता।
इस संबंध में अमेरिकी विदेश विभाग ने उम्मीद जताई है कि वह बांग्लादेश में चुनी गई नई सरकार के साथ खुले हिंद-प्रशांत महासागर के लिए साझा दृष्टिकोण पर आगे बढ़ाता रहेगा, जो चीन के प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिका के लिहाज से आवश्यक है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि उसे बांग्लादेश की नई सरकार से मानवाधिकारों और नागरिक समाज के समर्थन में कार्य करने और अमेरिका के साथ आर्थिक संबंधों को और अधिक गहरा बनाने की दिशा में बढ़ने की उम्मीद है।