काबुल, 30 अगस्त। संकटग्रस्त अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान (आईएसआईएस-के) के आत्मघाती बम हमलावर पर किए गए अमेरिकी ड्रोन हमले में छह बच्चों समेत नौ आम नागरिकों की भी मौत हुई है। ये सभी नौ लोग एक ही परिवार के सदस्य थे। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की गई है। हालांकि इस घटना के बाद आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की काररवाई पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं।
ISIS–K के वाहन पर भी अमेरिकी ड्रोन हमला
इससे पहले काबुल में अमेरिकी ड्रोन हमले में उस वाहन को निशाना बनाया गया, जिसमें इस्लामिक स्टेट के एक सहयोगी संगठन ISIS-K के कई आत्मघाती हमलावर सवार थे। अधिकारियों ने बताया कि ये आत्मघाती हमलावर काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अमेरिकी सेना के सैन्य निकासी अभियान को निशाना बनाना चाहते थे।
वाहन में विस्फोटक सामग्री मौजूद होने का संकेत
दो अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर हवाई हमले को सफल बताया। उन्होंने कहा कि हवाई हमले के बाद भी दूसरे विस्फोट हुए, जिससे वाहन में पर्याप्त मात्रा में विस्फोटक सामग्री मौजूद होने का संकेत मिलता है। यह हवाई हमला काबुल हवाई अड्डे के पास आत्मघाती हमले के बाद अमेरिका द्वारा किया गया दूसरा हमला है।
यह हमला ऐसे समय पर किया गया है, जब अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के लिए अमेरिका ऐतिहासिक अभियान संचालित कर रहा है, जिसमें काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अब तक हजारों लोगों को निकाला जा चुका है।
तालिबान के कब्जे के बाद से अराजकता की स्थिति
गौरतलब है कि गत 15 अगस्त को अफगानिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद से बहुत अराजकता की स्थिति है। इस्लामिक स्टेट के एक सहयोगी संगठन ISIS-K द्वारा किए गए आत्मघाती हमले के बाद तालिबान ने हवाई क्षेत्र के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। उस आत्मघाती हमले में 180 से अधिक लोग मारे गए थे।
अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध से सभी सैनिकों को वापस निकालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा निर्धारित समयसीमा मंगलवार यानी 31 अगस्त से पहले अमेरिकी सैन्य मालवाहक विमानों ने रविवार को हवाई अड्डे से उड़ान जारी रखी। लेकिन ब्रिटेन ने शनिवार को अपनी निकासी उड़ानें समाप्त कर दीं।