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बिहार बोर्ड : मैट्रिक परीक्षा में 81.04 प्रतिशत छात्र पास, शेखपुरा के मोहम्मद रुमान अशरफ ने किया टॉप

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पटना, 31 मार्च। बिहार विद्यालयी परीक्षा समिति (बीएसईबी) ने आज मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने नतीजे की घोषणा की। इस बार कुल 81.04 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए हैं और शेखपुरा के इस्लामिया हाई स्कूल के मोहम्मद रुमान अशरफ ने सर्वोच्च स्थान हासिल किया है।

फर्स्ट रैंक टॉपर मो. रुमान अशरफ का टोटल परसेंटेज 97.8 (489 अंक) बना है जबकि सेकेंड टॉपर भोजपुर की नम्रता और औरंगाबाद की ज्ञानी अनुपमा को 97.2 फीसदी (486) अंक मिले हैं। तीसरे स्थान पर नालंदा की संजू कुमारी, पश्चिमी चंपारण की भावना कुमारी और लखीसराय के जयानंदन कुमार पंडित रहे हैं।

टॉप 10 में 8 छात्राएं शामिल

बिहार बोर्ड टॉपर्स लिस्ट में टॉप 10 विद्यार्थियों में से आठ छात्राएं शामिल हैं। इससे पता चलता है कि टॉपर भले ही छात्र हैं, लेकिन लड़कियों का जलवा इस बार भी बरकरार है। मैट्रिक परीक्षा परिणाम में इस बार टॉप-100 में कुल 90 छात्र हैं, जिनमें से 33 लड़कियां हैं। सिर्फ 37 दिनों में 16 लाख छात्रों का रिजल्ट जारी किया गया है।

इस बार मैट्रिक परीक्षा में 16 लाख 74 हजार 657 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें से बोर्ड परीक्षा में 16 लाख 37 हजार 414 परीक्षार्थी शामिल हुए। इनमें से कुल 6,61,570 छात्र और 6,43,636 छात्राएं पास हुई हैं। कुल 4 लाख 73 हजार 615 छात्र प्रथम श्रेणी, 5 लाख 11 हजार 623 छात्र द्वितीय श्रेणी और 2 लाख 99 हजार 518 छात्र तृतीय श्रेणी में पास हुए हैं।

प्रथम रैंक टॉपर छात्र को एक लाख नगद, लैपटॉप व किंडल ई-बुक रीडर का ईनाम

हर वर्ष की तरह राज्य सरकार इस बार भी टॉप करने वालों इन 90 छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन के लिए ढेरों ईनाम से सम्मानित करेगी। टॉपर्स की लिस्ट में शामिल छात्र-छात्राएं ईनाम पाने के लिए उत्साहित हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से मिली जानकारी के अनुसार 10वीं के प्रथम रैंक टॉपर को एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक लैपटॉप और एक किंडल ई-बुक रीडर दिया जायेगा।

दूसरे रैंक वाले टॉपर को 50,000 रुपये नकद, एक लैपटॉप और एक किंडल ई-बुक रीडर। तीसरी रैंक टॉपर को भी 50,000 रुपये के साथ एक लैपटॉप और एक किंडल ई-बुक रीडर। चौथे और पांचवें स्थान के टॉपर को 15-15 हजार रुपये और एक लैपटॉप। हालांकि, कई छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक को ईनाम की सही जानकारी नहीं रहने के कारण वे इसका लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं।

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