नई दिल्ली, 28 अगस्त। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के आज आठ वर्ष पूरे हो गए। वित्तीय समावेशन के राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत इस योजना में अब तक 46 करोड़ 25 लाख से अधिक लाभार्थियों ने जन-धन खातों में 1.73 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में स्वतंत्रता दिवस के दिन जन-धन योजना शुरू करने की घोषणा की थी।
#PMJanDhan खातों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है (मार्च 15 में 14.72 करोड़ से 10 अगस्त 2022 तक 46.25 करोड़) भारत के #FinancialInclusion की असाधारण यात्रा!#8YearsofPMJDY #8YearsOfJanDhan #PMJDY #AmritMahotsav pic.twitter.com/K2RR6Ve3Xu
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) August 28, 2022
10 अगस्त तक 46.25 लाख खातों में 1.73 लाख करोड़ से ज्यादा की धनराशि जमा
मार्च, 2015 में जन-धन खातों की संख्या 14 करोड़ 72 लाख थी। इस महीने की 10 तारीख तक यह तीन गुना बढ़कर 46 करोड़ 25 लाख तक जा पहुंची थी। जन-धन खाताधारकों में 56 प्रतिशत महिलाएं हैं और 67 प्रतिशत जन-धन खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं। जन-धन खाताधारकों को 31.94 करोड़ रुपे कार्ड भी जारी किए गए हैं।
साल दर साल एक सराहनीय वृद्धि!#PMJanDhan के तहत प्रति खाता औसत जमा धनराशि मार्च 2015 के 1,065 रुपये से बढ़कर 10 अगस्त 2022 को 3,761 रुपये हुई।#8YearsOfJanDhan #8YearsofPMJDY #AmritMahotsav #AtmaNirbharBharat #PMJDY pic.twitter.com/w6V4DJwFxm
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समावेशी विकास की दिशा में वित्तीय समावेशन एक बड़ा कदम – निर्मला सीतरमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना की आठवीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा कि समावेशी विकास की दिशा में वित्तीय समावेशन एक बड़ा कदम है। इससे समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों का समग्र आर्थिक विकास सुनिश्चित हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकिंग सुविधाओं से वंचित लोगों को बैंकिंग सुविधाएं, वित्तीय सुरक्षा और गैर-वित्त पोषित लोगों को धन उपलब्ध कराना, जन धन योजना के अंतर्निहित स्तम्भ हैं। जन-धन योजना से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए बैंकिंग सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में यह सुविधाएं पहुंचाना संभव हुआ है।
इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना सरकार की जन-केंद्रित आर्थिक पहल की आधारशिला बन गई है।