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उत्तराखंड : उत्तरकाशी में ट्रैकिंग पर निकले 11 सदस्यों में से 7 के शव मिले, 2 को बचाया गया

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उत्तरकाशी, 23 अक्टूबर। उत्तराखंड में पिछले दिनों भयावह बारिश  से आई आपदा के बीच राज्य से हिमाचल के लिए ट्रैकिंग पर निकले 11 लापता सदस्यों में से सात के शव बरामद हो गए हैं जबकि दो ट्रैकर्स को बचा लिया गया है। हालांकि, ट्रैकिंग दल के दो  सदस्य अब भी लापता हैं।

11 अक्टूबर को हर्षिल से निकला था दल

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह ट्रैकिंग दल गत 11 अक्टूबर को हर्षिल से हिमाचल के छितकुल के लिए ट्रैकिंग पर निकला थे। लेकिन खराब मौसम के चलते सभी सदस्य फंस गए। लापता ट्रैकर्स में सात सदस्य पश्चिम बंगाल, एक दिल्ली और तीन उत्तराखंड के स्थानीय नागरिक थे।

जब ट्रैकिग दल के सदस्य निर्धारित स्थान पर नहीं पहुंचे तो ट्रैकर एजेंसी ने आपदा प्रबंधन विभाग को जानकारी दी। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा वायु सेना की मदद से हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू अभियान चलाया गया, जिसमें अब तक दो सदस्यों को बचा लिया गया है। वहीं, सात के शव बरामद किए गए हैं।

7 शवों में दो की पहचान नहीं हो पाई

रेस्क्यू टीम को जिन लोगों के शव मिले हैं, उनमें विकास मेकल (राघव पुर, नेपाल गंज, 24 परगना,बंगाल), सौरभ घोष (नेपाल गंज, 24 परगना,बंगाल), सुभियान दास (10/1A भट्टाचार्या जी इस्ट्रेट, कालीघाट, बंगाल), अनिता रावत (M 95 हरिनगर, दिल्ली), तन्मय (किशन नगर, कोलकाता) शामिल हैं। दो शवों की पहचान नहीं हो पाई है। मिथुन दारी (विष्णु पुर, अंदरमानी, नेपाल गंज, 24 परगना, बंगाल) और गाइड देवेंद्र सिंह (उत्तरकाशी, पुरोला) का रेस्क्यू किया गया है।

लमखागा पास से 17-19 अक्टूबर के बीच हुए थे लापता

बताया जा रहा है कि यह दल 17-19 अक्टूबर के बीच लमखागा पास के नजदीक लापता हो गया था। लमखागा पास सबसे कठिन दर्रे में से एक है, जो किन्नौर जिले को उत्तराखंड के हर्षिल से जोड़ता है। इन ट्रैकर्स को खोजने के लिए आईटीबीपी और किन्नौर पुलिस संयुक्त अभियान चला रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रेस्क्यू टीम को ट्रैकर्स के शव अलग-अलग जगहों पर में बर्फ में दबे मिले। इसके बाद इन्हें एक जगह पर लाकर हेलीकॉप्टर से भेजा गया। जिन दो ट्रैकर्स को बचाया गया है, उनमें से एक ही हालत काफी नाजुक बताई जा रही है।

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