तरनतारन, 16 दिसम्बर। पंजाब के तरनतारन जिले के एक पुलिस स्टेशन पर किए गए रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) हमले को पंजाब पुलिस ने सुलझा दिया है। इस मामले में सात लोग गिरफ्तार किए गए। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव के जरिए दी गई जानकारी के अनुसार इस हमले के पीछे पाकिस्तान की आईएसआई का हाथ है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब के तरनतारन के सरहाली पुलिस स्टेशन को शुक्रवार की देर रात एक बजे रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया था। हमले की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने ली थी।
जानकारी के मुताबिक, इस हमले का मास्टर माइंड कनाडा में बैठा लखबीर लड़ा है। लड़ा ने यूरोप स्थित हैंडलर्स – सतबीर सत्ता और गुरदेव जस्सल के माध्यम से घटना को अंजाम दिया। बता दें कि इस हमले को दो नाबालिगों ने अंजाम दिया था। ये दोनों नाबालिग अनट्रेंड हैं।
इसके अलावा, पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि इस हमले में आतंकी संगठन मुजाहिदीन का भी हाथ है। पंजाब डीजीपी ने बताया कि इस मामले में 6 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि एक को पुलिस कस्टीडी में रखा गया है।
बता दें कि इस आरपीजी अटैक में गोइंदवाल जेल में बंद अजमीत सिंह का भी नाम आया है। अजमीत का नाम नकोदर गोली कांड में भी आया था। पुलिस ने उसे प्रोडक्शन वारंट पर लिया है। गौरव यादव ने आगे जानकारी दी कि हमने आरपीजी 26, एक लॉन्चर, 32 बोर की पिस्टल के साथ 15 गोलियां, हथगोले, 30 बोर की पिस्तौल के साथ 35 जिंदा गोलियां और 32 बोर की पिस्तौल के साथ 5 जिंदा गोलियां बरामद की।
फिलहाल गोल्डी बराड़ को लेकर पंजाब के डीजीपी ने कोई कमेंट्स नहीं किए। डीजीपी ने यह भी बताया कि इस हमले में 70 मिमी कैलिबर आरपीजी 26 का इस्तेमाल किया गया था, जो आमतौर पर मुजाहिदीन द्वारा इस्तेमाल किया जाता था और इसे सीमा पार से मंगाया जाता था।