चीनी शहर हांगझोऊ में 23 सितम्बर से 8 अक्टूबर तक होंगे एशियाई खेल
चीन के हांगझोऊ में एशियाई खेल 23 सितम्बर से आठ अक्टूबर के बीच आयोजित किए जाएंगे, जिसमें भारत के 600 खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल होगा।
यहां कर्णी सिंह निशानेबाजी रेंज पर मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) की 100वीं बैठक में एशियाई खेलों की तैयारियों का जायजा लेने के बाद ठाकुर ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने एशियाई खेलों की तैयारी पर इस वर्ष 220 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें खिलाड़ियों के 142 विदेश दौरे और 71 राष्ट्रीय कोचिंग शिविर शामिल हैं। इन विदेशी दौरों और शिविरों से 2100 से अधिक खिलाड़ियों को एशियाई खेलों की तैयारी में फायदा मिला है।’
Chaired the landmark 100th Mission Olympic Cell (MOC) meeting, a flagship program of @YASMinistry, Government of India today.
Reviewed 🇮🇳's preparation for the upcoming #AsianGames2022 with esteemed MOC members and representatives from MYAS, SAI, and NSFs, including @Adille1… pic.twitter.com/y74u9oDGNJ
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) June 8, 2023
अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘इस तरह की तैयारी को देखते हुए भारत आगामी एशियाई खेलों में पदकों के लिहाज से अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की स्थिति में है। भारत का सबसे बड़ा दल इन खेलों में जाएगा, जिनमें कुराश, जुजुत्सु और शतरंज जैसे गैर पारंपरिक खेल भी शामिल है।’ भारत ने एशियाई खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2018 में जकार्ता में किया, जब 16 स्वर्ण, 23 रजत और 31 कांस्य समेत 70 पदक जीते थे।
भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल 40 स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे
ठाकुर ने कहा, ‘2014 एशियाई खेलों में भारत के 551 और 2018 में 570 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इस बार यह संख्या 600 के करीब रहने की उम्मीद है। एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ी 40 स्पर्धओं में हिस्सा लेंगे, जिनमें से आधे से अधिक के चयन ट्रायल हो चुके हैं और बाकी 30 जून से पहले कराने के निर्देश दे दिए गए है।’
सरकार ने मौजूदा ओलंपिक चक्र में अब तक 450 करोड़ खर्च किए
एशियाई ओलंपिक परिषद ने चयनित खिलाड़ियों के नाम भेजने के लिए 15 जुलाई तक की समय सीमा दी है । भारतीय खेल प्राधिकरण के आला अधिकारियों और एमओसी सदस्यों के साथ बैठक के बाद ठाकुर ने कहा, ‘सरकार ने मौजूदा ओलंपिक चक्र (2021-2024) में खिलाड़ियों के विदेश दौरों, राष्ट्रीय शिविरों, विदेशी कोचों, सहयोगी स्टाफ और उपकरणों पर 450 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसके साथ ही टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना के तहत 45 करोड़ के 350 से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।’
सहयोगी स्टाफ के तौर पर कई बार खिलाड़ियों के परिजनों के जाने के मसले पर खेलमंत्री ने कहा, ‘हम राष्ट्रीय खेल महासंघों से यह सुनिश्चित करेंगे कि निष्पक्ष और पारदर्शी चयन हो। सहयोगी स्टाफ में कौन जा रहा है, सूची पहले ही से तैयार हो। सहयोगी स्टाफ में कोई कटौती नहीं होनी चाहिए।’