नई दिल्ली, 26 अप्रैल। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में शुक्रवार को 13 राज्यों व 88 सीटों पर कमोबेश शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया। हालांकि सप्ताहांत की लंबी छुट्टी और मौसम का असर दूसरे चरण की वोटिंग पर भी देखने को मिला। खैर, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार शाम सात बजे तक औसतन 60.96 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इस दौरान पूर्वोत्तर के राज्यों में 75 फीसदी से अधिक वोटिंग देखी गई। वहीं महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश फिसड्डी साबित हुए।
अब तक 14 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान प्रक्रिया पूर्ण
इसके साथ ही दो चरण में अब तक 14 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। गौरतलब है कि पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर पिछले शुक्रवार (19 अप्रैल) को मतदान हुआ था। इस बीच दूसरे चरण के मतदान का उल्लेखनीय पहलू यह रहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के 102 गांवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।
राज्यवार वोटिंग पर एक नजर
दूसरे चरण में सबसे ज्यादा त्रिपुरा में 77.97 प्रतिशत, मणिपुर में 77.18 प्रतिशत और असम में 70.68 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि सबसे कम महाराष्ट्र में 53.71 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 54.85 प्रतिशत वोटिंग हुई।
Capturing the spirit of democracy: Join the celebration and festivities as voters unite to cast their vote in General Elections 2024.🙌
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— Election Commission of India (@ECISVEEP) April 26, 2024
अन्य राज्यों की बात करें तो छत्तीसगढ़ में 72.51 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 71.84 प्रतिशत, जम्मू और कश्मीर में 67.22 प्रतिशत, केरल में 65.04 प्रतिशत, कर्नाटक में 64.57 प्रतिशत, राजस्थान में 60.06 प्रतिशत व मध्य प्रदेश में 55.32 व बिहार में 54.17 प्रतिशत वोटिंग हुई।
2019 की तुलना में कम हुई वोटिंग
फिलहाल लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह ही दूसरे चरण में भी मतदान 2019 की तुलना में कम ही हुए। शाम पांच बजे तक उपलब्ध अनंतिम डेटा ने संकेत दिया कि लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं भागीदारी में व्यापक गिरावट आई है। पिछले लोकसभा चुनाव में, भारत में औसतन लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन इस वर्ष के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में उल्लेखनीय कमी देखी गई। शाम सात बजे तक लगभग 61 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
इन क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से भी कम मतदान
देशके कुल छह निर्वाचन क्षेत्रों – मध्य प्रदेश में रीवा, बिहार में भागलपुर, उत्तर प्रदेश में मथुरा व गाजियाबाद, कर्नाटक में बेंगलुरु दक्षिण व सेंट्रल में वोट डालने के लिए 50 प्रतिशत से भी कम मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंचे। राज्य-वार बात करें तो असम में सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में आठ प्रतिशत से लेकर 13.9 प्रतिशत तक की कमी देखी गई जबकि बिहार के निर्वाचन क्षेत्रों में 8.23 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
सबसे बड़ी गिरावट वडकारा में
छत्तीसगढ़ में तुलनात्मक रूप से मामूली गिरावट देखी गई, जिसमें सबसे मामूली गिरावट केवल 0.86 प्रतिशत थी। कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में भी महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई। केरल में दोहरे अंकों में गिरावट देखी गई, जिनमें से सबसे बड़ी गिरावट वडकारा में 18.24 प्रतिशत थी। इसी तरह, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में मतदान में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। राजस्थान के अजमेर जिले में 14.89 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट देखी गई।