हाथरस, 4 जुलाई। हाथरस में गत दो जुलाई को साकार विश्व हरि बाबा उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की हुई मौत के मामले में पुलिस ने सत्संग आयोजक समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि मुख्य आरोपित मुख्य सेवादार पर एक लाख का ईनाम घोषित किया गया है। वहीं भोले बाबा और अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
अलीगढ़ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक शलभ माथुर ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पिछले मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र स्थित फुलरई गांव में आयोजित हरिनारायण साकार विश्वहरि भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में अब तक दो महिला सेवादारों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मुख्य सेवादार देव प्रकाश के खिलाफ जल्द जारी होगा गैर जमानती वारंट
शलभ माथुर ने बताया कि मामले के प्रमुख आरोपित मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया है। उसके खिलाफ जल्द ही गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाएगा। भोले बाबा से पूछताछ या उसकी गिरफ्तारी की सम्भावना के बारे में पूछने पर माथुर ने कहा, आगे किसी की गिरफ्तारी होगी या नहीं, यह विवेचना पर निर्भर करेगा। जांच में आगे किसी की भूमिका निकलकर आएगी तो काररवाई होगी। जरूरत पड़ेगी तो जरूर पूछताछ की जाएगी।
घटना के बाद से ही भोले बाबा फरार
गौरतलब है कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में भोले बाबा का सत्संग खत्म होने के बाद बाबा की ‘चरण धूलि’ लेने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के आगे बढ़ने के दौरान मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। घटना में 31 अन्य घायल हो गए थे, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य सेवादार और उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और सभी की तलाश में दबिश शुरू कर दी। इस मामले में भोले बाबा की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे। हालांकि भोले बाबा की लोकेशन की भी तलाश की जा रही है। घटना के बाद से ही भोले बाबा फरार चल रहा है।
हाथरस पहुंचकर सीएम योगी ने जाना था घायलों का हाल
हाथरस हादसे के अगले दिन बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना था और घटनास्थल का जायजा भी लिया था। संवाददाताओं के यह पूछे जाने पर कि मुकदमे में भोले बाबा को अभियुक्त क्यों नहीं बनाया गया, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिन लोगों ने कार्यक्रम के लिए अनुमति का आवेदन दिया था, प्रथम दृष्ट्या पहले मुकदमा उनके खिलाफ होता है। उसके बाद फिर उसका दायरा बढ़ता है। घटना जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार होंगे, वे इसके दायरे में आएंगे।
हाई कोर्ट के अवकाशप्राप्त जज ब्रजेश श्रीवास्तव बने न्यायिक आयोग के अध्यक्ष
मुख्यमंत्री योगी के ही निर्देश पर इस मामले की न्यायिक जांच के लिए बुधवार को तीन सदस्यीय आयोग गठित कर दिया गया है, जो दो महीने में जांच पूरी करके रिपोर्ट देगा। इस आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे। आयोग के दो अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हेमंत राव और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी भावेश कुमार सिंह शामिल हैं।