लखनऊ, 4 नवम्बर। एमपी-एमएलए कोर्ट ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन में आरोपित सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी समेत पांच लोगों को दोषी करार दिया है। कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने मामले में सभी दोषियों को सजा के तौर पर छः माह की परिवीक्षा पर रहने का आदेश देते हुए रिहा कर दिया गया है। डॉ. रीता जोशी पर समय समाप्त होने के बाद भी चुनाव प्रचार करने का आरोप है।
समय समाप्त होने के बाद भी चुनाव प्रचार करने का आरोप
कोर्ट ने कहा कि छह माह की साधारण परिवक्षा पर अच्छा चाल चलन बनाए रखने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष जाकर 20-20 हज़ार की दो जमानतें और इतनी ही धनराशि का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल करेंगे। कोर्ट ने रीता बहुगुणा जोशी, मनोज चौरसिया, राम सिंह, संजय यादव और प्रभा श्रीवास्तव को आदेश दिया की वे 30 दिनों के अंदर ज़िला प्रोबेशन अधिकारी के सामने हाजिर होंगे। परिवीक्षा अवधि प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष उपस्थिति के दिन से मानी जाएगी।
गिरफ्तारी वारंट के बाद पेशी, हिरासत में भी ली गईं
चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के दस वर्ष पुराने मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद शुक्रवार को सांसद डॉक्टर रीता बहुगुणा जोशी पेश हुईं थी। इस दौरान कोर्ट ने जोशी को हिरासत में ले भी लेने का आदेश दिया।
दरअसल, यह मामला वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान का है। रीता बहुगुणा जोशी पर आरोप है कि कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव के प्रचार का समय समाप्त होने के बाद प्रचार कर आचार संहिता का उल्लंघन कर रही थीं। इस संबंध में कृष्णा नगर थाने में स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी ने 17 फरवरी, 2012 को मुकदमा दर्ज कराया था। मामले के विवेचक रामसहाय द्विवेदी ने 11 मार्च 2012 इस संबंध में रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
एमपी/एमएलए कोर्ट ने भाजपा सांसद डॉ. जोशी के खिलाफ 20 अक्टूबर को गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था। विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने अदालत में मौजूद गवाह से जिरह नहीं करने पर सांसद जोशी की ओर से दी गई हाजिरी माफी अर्जी खारिज कर दी थी। कोर्ट ने गवाही के लिए मौजूद कांस्टेबल दिनेश कुमार यादव की गवाही समाप्त करते हुए सुनवाई के लिए नई तारीख दी थी।