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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव : दूसरे चरण की 26 सीटों पर अपराह्न 3 बजे तक 46.12 फीसदी मतदान

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श्रीनगर, 25 सितम्बर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में आज दूसरे चरण की 26 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। सुबह से ही ज्यादातर पोलिंग बूथ पर लंबी-लंबी कतारें दिखने लगी थीं और लोग बढ़ चढ़कर मतदान के लिए घरों से निकलते दिखे। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अपराह्न तीन बजे तक 46.12 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। आधिकारिक आंकड़ों के हिसाब से मतदान में जल्द ही तेजी आई और पहले चार घंटों में करीब एक चौथाई मतदाताओं ने वोट डाला। मतदान शाम छह बजे तक चलेगा। आयोग के अनुसार मतदान के पहले दो घंटे में 10.22 फीसदी, पूर्वाहन 11 बजे तक 24.10 फीसदी और अपराह्न एक बजे तक 37 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई थी।

उमर अब्दुल्ला सहित 239 उम्मीदवरों के चुनावी भाग्य का फैसला होना है

दूसरे चरण के मतदान में जिन 239 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला होना है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं। उमर अब्दुल्ला दो सीटों – बडगाम और गांदेरबल से चुनाव लड़ रहे हैं।

अब्दुल्ला के अलावा इस चरण में मतदाता जिन प्रमुख उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे, उनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना शामिल हैं। कर्रा सेंट्रल शाल्टेंग से अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं जबकि रैना राजौरी जिले के नौशेरा का प्रतिनिधित्व फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। वह वहां 2014 में विजयी हुए थे।

विदेशी राजनयिकों का एक डेलिगेशन चुनाव प्रक्रिया देखने कश्मीर पहुंचा

इस बीच विदेशी राजनयिकों का एक डेलिगेशन भी चुनाव प्रक्रिया देखने कश्मीर पहुंचा। विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थित विभिन्न देशों के दूतावासों से 16 विदेशी प्रतिनिधियों को इस चुनाव का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया था। प्रतिनिधिमंडल घाटी में पहुंचने के तुरंत बाद बडगाम और श्रीनगर में मतदान केंद्रों पर गया। उसे संबंधित उपायुक्तों ने मतदान प्रक्रिया के बारे में बताया।

उमर अब्दुल्ला ने विदेशी प्रतिनिधिमंडल के दौरे की आलोचना की

हालांकि जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय दल नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने विदेशी प्रतिनिधिमंडल की आलोचना की और केंद्र को भी निशाने पर लिया। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव भारत का अंदरूनी मामला है।

चुनाव हमारा अंदरूनी मामला, हमे उनके प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं

अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘मुझे नहीं पता कि विदेशियों को यहां चुनाव की जांच करने के लिए क्यों बुलाया जाना चाहिए? जब दूसरे देशों की सरकारें इस पर टिप्पणी करती हैं तो भारत सरकार कहती है कि यह भारत का अंदरूनी मामला है और अब अचानक वे चाहते हैं कि विदेशी पर्यवेक्षक यहां आएं और हमारे चुनावों को देखें। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी हमारे लिए आंतरिक मामला है और हमें उनके प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है।

तो फिर विदेशी पत्रकारों को चुनाव कवरेज अनुमति क्यों नहीं दी गई?

नेकां नेता ने कहा कि यदि भारत जम्मू-कश्मीर पर दूसरे देशों के हस्तक्षेप या टिप्पणियों को नहीं चाहता है, तो उन्हें यहां क्यों आमंत्रित किया गया है? उन्होंने चुनाव कवरेज के लिए विदेशी पत्रकारों को अनुमति नहीं देने पर सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘यदि विदेशी राजनयिकों को यहां बुलाया जा सकता है तो फिर विदेशी पत्रकारों को क्यों नहीं अनुमति दी गई? चुनाव कवर करने के लिए आवेदन करने वाले किसी भी विदेशी पत्रकार को अनुमति नहीं दी गई। लेकिन, इन राजनयिकों को पर्यटकों की तरह ‘गाइडेड टूर’ कराया जा रहा है, जो अच्छी बात नहीं है।’

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