अयोध्या, 29 अप्रैल। भक्ति, श्रद्धा और शिल्प कला के अद्भुत संगम के बीच वैशाख शुक्ल द्वितीया के पावन अवसर पर आज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फीट लंबा ध्वज दंड विधिपूर्वक स्थापित किया गया।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दंड की स्थापना न केवल वास्तुकला की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह अयोध्या के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वैभव में भी एक नया अध्याय जोड़ता है। यह दृश्य श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए अत्यंत भावुक करने वाला रहा, जो अब रामलला के भव्य धाम को और भी दिव्य रूप में निहार सकेंगे।
आज वैशाख शुक्ल द्वितीया, विक्रमी संवत् २०८२, तदनुसार २९ अप्रैल २०२५, मंगलवार को प्रातः ८ बजे श्री राम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दण्ड स्थापित किया गया। ध्वज दण्ड की लम्बाई ४२ फुट है।
Today, on Vaishakh Shukla Dwitiya, Vikrami Samvat 2082, i.e. 29 April 2025, Tuesday,… pic.twitter.com/mYrKJj5QMK
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) April 29, 2025
प्रभु श्रीराम के धाम पर इस ऐतिहासिक ध्वज दंड की स्थापना सुबह साढ़े छह बजे प्रारंभ होकर आठ बजे तक पूरी हुई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि ध्वज दंड की स्थापना का कार्य पूरी विधि-विधान और परंपराओं के अनुरूप संपन्न हुआ।
ध्वज दंड 42 फुट लंबा है, जिसे विशेष तकनीक और सावधानी से मुख्य शिखर पर स्थापित किया गया। इस कार्य में लार्सन एंड टूब्रो और टाटा ट्रस्ट के इंजीनियरों की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रस्ट के इंजीनियर ट्रस्टी अनिल मिश्रा, ध्वज दंड के निर्माता गुजरात निवासी भरत भाई, पत्थरों पर उत्कृष्ट नक्काशी करने वाले नरेश मालवीय और सुपरविजन का कार्य देख रहे चंद्रशेखर सोमपुरा सहित बड़ी संख्या में विशेषज्ञ इस अवसर पर उपस्थित रहे।
उन्होंने बताया कि ध्वज दंड की स्थापना के दौरान तकनीकी टीम ने दो विशाल क्रेनों की सहायता से इसे ऊंचाई तक पहुंचाया। पहले ध्वज दंड को वर्टिकल खड़ा किया गया और फिर टावर क्रेन के माध्यम से शिखर तक पहुंचाकर उसे स्थापित किया गया। कार्य के दौरान इंजीनियर लगातार 160 फीट की ऊंचाई पर शिखर के समीप मौजूद रहे और स्थापना प्रक्रिया का बारीकी से संचालन किया। निर्धारित समय के भीतर पूर्वाह्न आठ बजे ध्वज दंड को शिखर पर स्थापित कर दिया गया।

