देहरादून/उत्तरकाशी, 28 नवम्बर। दीपावली की अमावस्या से उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को कार्तिक पूर्णिमा के बाद ही उससे रिहाई नसीब हुई। जैसे-जैसे श्रमिकों को मलबे से बाहर लाया गया, वैसे-वैसे टनल के बाहर और देश-दुनिया में लोगों की धड़कनें बढ़ती गईं। इन 41 श्रमिकों में अंधेरी सुरंग से रिहाई की खुशी साफ झलक रही थी। इस खुशी ने इन 17 दिनों के तनाव को भी दूर कर दिया।
धैर्य, परिश्रम एवं आस्था की हुई जीत। pic.twitter.com/bF4hupYDMa
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 28, 2023
श्रमिकों के निकलने की खुशखबरी जैसे ही बाहर टकटकी लगाए बैठे अपनों तक पहुंची तो खुशी के मारे आंखें छलक आईं और वे एक दूसरे को गले लगकर खुशी के मारे रो पड़े। अपने जिगर के टुकड़ों के सकुशल बाहर आने की सूचना जब उनके घरों तक पहुंची तो परिजनों ने मिठाई बांटी और जमकर पटाखे फोड़े।
मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी ने रेस्क्यू किए गए श्रमिकों को गले लगाकर उनका अभिनंदन किया। पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी में रहकर पूरे बचाव अभियान का स्वयं निरीक्षण कर रहे थे। pic.twitter.com/6X43FAN3RE
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) November 28, 2023
अभी मजदूरों के निकलने का सिलसिला शुरू ही हुआ था कि सभी श्रमिकों के घरों में दीपावली मनाई जाने लगी। सही मायनों में इन मजदूरों और उनके परिजनों की दीपावली आज हुई है, जो 17 दिनों में जिंदगी की जंग जीत कर बाहर आए हैं। अंधेरी सुरंग में 17 दिन काटने वाले इन श्रमिकों की सलामती के लिए देश और दुनिया में पूजा-पाठ और दुआओं का दौर चल रहा था।
उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है।
टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
यह अत्यंत…
— Narendra Modi (@narendramodi) November 28, 2023
आखिरकार देर रात सफलता मिली तो उसकी खुशी मुख्यमंत्री धामी के साथ ही केंद्रीय राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के चेहरे पर भी साफ दिखाई दी। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और धामी के नेतृत्व में, पीएमओ के अधिकारियों की मेहनत और रेस्क्यू कार्य में जुटे जवानों की मशक्कत के साथ ही रैट माइनर्स की टीम ने आखिरकार एक बड़ी चुनौती पर सफलता पाई।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने सिलक्यारा टनल से सफलतापूर्वक रेस्क्यू किए गए श्रमिकों से फ़ोन पर बात कर उनका कुशलक्षेम जाना।#UttarakhandTunnelRescue pic.twitter.com/fxPqwq9L70
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 28, 2023
जहां अमेरिका की आगर मशीन फेल, वहां रैट माइनर्स ने कमाल कर दिया
जिस मलबे को काटने में अमेरिका की ऑगर मशीन भी दम तोड़ गई। वहीं इस चूहा तकनीक (रैट माइनर्स) ने कुछ ही घंटे में मलबा खोदकर मजदूरों को बाहर निकालने में सफलता पाई। झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से लोग अपने भाई, बेटे, पिता के सुरंग में फंसने की खबर सुनकर दौड़े आए।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सुरंग हादसे में फंसे सभी श्रमिक बंधुओं के सुरक्षित बाहर निकल आने के समाचार से मुझे अत्यंत आनंद की अनुभूति हुई है।इस अभियान पर पूरे देश की निगाह लगी हुई थी। इसकी सफलता से पूरे देश ने राहत की साँस ली है। यह घड़ी सभी श्रमिक बंधुओं के परिजनों के लिए…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 28, 2023
वहीं उत्तराखंड के एक युवा श्रमिक के टनल में फंसने से उनकी माता ने तो अन्न-जल ही त्याग दिया था। यहां तक कि उन्होंने सरकार से गुहार लगाई थी कि उनका घरबार ले लो, लेकिन उनके बेटे को बाहर ले आओ। एक मां की इस करुण गुहार ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी पिघला दिया। वह टनकपुर में परिवार से मिलने पहुंचे। उन्हें धैर्य बंधाया कि उनका बेटा जल्द ही घर वापस आ जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने उत्तरकाशी की टनल में फँसे हमारे श्रमिक भाइयों को सकुशल निकालने के लिए हर संभव संसाधन उपलब्ध करवाने के साथ ही जिस व्यक्तिगत रूप से पूरे अभियान पर नजर बनाई रखी वो उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए उत्तराखंड… pic.twitter.com/W8Fvo0qkPW
— Amit Shah (@AmitShah) November 28, 2023
क्षेत्र के भूमियाल देवता बाबा बौखनाग की कृपा भी बनी रही
यहां तक कि टनल के बाहर इंतजार में बैठे श्रमिकों के परिजनों और साथियों की भी सीएम और पीएमओ के अधिकारी लगातार हौसला अफजाई करते रहे। इस मोर्चे पर रेस्क्यू अभियान से जुडे हुए व्यक्ति ने एक सैनिक बनकर लड़ाई लड़ी। वहीं क्षेत्र के भूमियाल देवता बाबा बौखनाग की कृपा भी बनी रही। टनल में हुए हादसे के बाद जब स्थानीय लोगों ने विरोध जताया था कि टनल बनाने वाली कम्पनी प्रबंधन ने यहां से बाबा बाखैनाग का मंदिर हटा दिया था, यह हादसा बाबा का प्रकोप है।
I am completely relieved and happy as 41 trapped laborers in the Silkyara Tunnel Collapse have been successfully rescued.
This was a well-coordinated effort by multiple agencies, marking one of the most significant rescue operations in recent years. Various departments and…
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) November 28, 2023
बाबा बौखनाग के पश्वा की भविष्यवाणी सच साबित हुई
इसके बाद तकनीक का सहारा ले रही कम्पनी ने आस्था को मान देते हुए टनल के बाहर बाबा बौखनाग का मंदिर स्थापित किया। बाबा की कृपा कहें या संयोग कि इस मंदिर की स्थापना के बाद कार्य बिना बाधा के आगे बढ़ा। दो दिन पहले फिर बाधा आई तो कम्पनी प्रबंधन के अधिकारी बाबा बौखनाग के स्थान पर पहुंचे और मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए अर्जी लगाई। तब बाबा बौखनाग के पश्वा ने कहा था कि सभी मजदूर तीन दिन के भीतर टनल से बाहर आ जाएंगे। आज उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में पिछले 17 दिनों से फँसे हुए मज़दूरों को आज सकुशल टनल से बाहर निकाला गया ये हम सभी के लिए बेहद राहत और हर्ष की बात है।
140 करोड़ भारतीयों की प्रार्थना व NDMA समेत सभी एजेंसियों का इतने दिनों से चल रहा ऑपरेशन आख़िरकार कामयाब हुआ, आप…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) November 28, 2023
दिलचस्प वाकया यह रहा कि सोमवार (27 नवम्बर) को बाबा बौखनाग के मंदिर के पीछे टनल की दीवार पर अचानक पानी रिसने लगा और वहां भगवान शिव की आकृति बन गई। इसके बाद लोगों में भगवान के प्रति और विश्वास बढ़ गया कि स्वयं भगवान ही इन 41 जिंदगियों केा बचाने के लिए इस रूप में आए हैं। इन 17 दिनों में टनल की ओर जैसे ही कोई हलचल होती तो मीडिया कर्मियों से लेकर मजदूरों के परिजन और तमाम साथी टनल की ओर दौड़ पड़ते कि शायद कोई खुशखबरी आई है। लेकिन जब पता चला कि फिर कोई अड़चन आई तो लोगों के चेहरों पर उदासी छा जाती। इस रेस्क्यू कार्य टीम ने कई उतार-चढ़ाव देखे। कई चुनौतियों से जूझे।
मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल बना सिल्क्यारा टनल रेस्क्यू अभियान.. pic.twitter.com/Yaz0QTfjLu
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 28, 2023
अपनों की चिंता में घुल रही एक मां, पत्नी, बेटी और बहन की आंखों से खुशियों के आंसू छलक उठे। टनल के आसपास नेटवर्क की समस्या होने के चलते अपनों की कुशलता का समाचार घर तक पहुंचाने के लिए लोग दूर तक भागते नजर आए। इनकी खुशी देख कर लगा रहा है कि कई दिनों के बाद चैन से खाना खा सकेंगे और सुकून की नींद भी सो सकेंगे।
सिलक्यारा टनल में फँसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने हेतु गत 17 दिनों से अथक परिश्रम के साथ लगे बचाव दल के सदस्यों से भेंट कर उनका धन्यवाद व्यक्त किया।
केंद्रीय एजेंसियों, सेना एवं प्रदेश प्रशासन की टीमों के बेहतरीन समन्वय एवं आप सभी के समर्पण भाव से ही असंभव सा प्रतीत होने… pic.twitter.com/JK10COJlJf
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 28, 2023
क्या है रैट माइनिंग
रैट माइनर्स एक विशेषज्ञों की टीम है, जो खोदाई में एक्सपर्ट होती है। मैन्युअल खोदाई शुरू होने के बाद एक मीटर प्रतिघंटा तक यह टीम खोदाई कर सकती है। उत्तरकाशी में टीम के दो सदस्य पाइप में घुसे। इनके पास छोटे फावड़े, छोटी ट्रॉली, ऑक्सीजन मास्क और हवा को सर्कुलेट करने के लिए एक ब्लोअर था। एक सदस्य ने खोदाई की और दूसरे ने ट्रॉली में मलबा भरकर बाहर भेजा। एक बार में ट्रॉली में छह से सात किलो मलबा ही बाहर आ सकता था, इसलिए इसमें समय लगने का अंदेशा था। हालांकि इस टीम ने सेना के मद्रास शैपर्स यूनिट की मदद से काम को बेहद फुर्ती से पूरा कर दिया।