जयपुर, 29 अक्टूबर। राजस्थान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे में निर्मित 369 फुट ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ का शनिवार की शाम लोकार्पण हुआ। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कथावाचक मुरारी बापू ने प्रतिमा का लोकार्पण किया। इस अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित अनेक नेता मौजूद थे।
नाथद्वारा, राजसमंद में विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम्’ के लोकार्पण समारोह को संबोधित किया। रामकथा के वाचन से समाज में प्रेम, भाईचारे, सद्भावना का संदेश जाता है जिसकी वर्तमान समय में सर्वाधिक आवश्यकता है। इस प्रकार की कथाएं देश के कोने-कोने में आयोजित होनी चाहिए। pic.twitter.com/IYlnU9egUV
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 29, 2022
सीएम गहलोत ने इस अवसर आयोजित होने वाली रामकथा का जिक्र करते हुए कहा, ‘रामकथा का हर प्रसंग प्रेम, भाईचारे व सद्भवाना का संदेश देता है, जिसकी आज देश में सबसे अधिक आवश्यकता है। ऐसी कथाएं देश में होनी चाहिए और हो भी रही हैं।’
तत पद्म संस्थान द्वारा प्रतिमा का निर्माण किया गया है। संस्थान के ट्रस्टी, उद्योगपति मदन पालीवाल ने कहा कि प्रतिमा के उद्घाटन के बाद 29 अक्टूबर से छह नवम्बर यानी नौ दिनों तक धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस दौरान मुरारी बापू राम कथा का पाठ भी करेंगे।
विश्व की अकेली प्रतिमा, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया
कार्यक्रम के प्रवक्ता जयप्रकाश माली ने कहा कि नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में हैं। उन्होंने दावा किया, ‘विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा की अपनी एक अलग ही विशेषता है। 369 फुट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली ऐसी प्रतिमा होगी, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है।’
3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल
जयप्रकाश माली ने कहा, ‘प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं। प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है।’