वाशिंगटन, 4 नवम्बर। फलस्तीनी चरमपंथी गुट हमास और इजराइल के बीच जारी संघर्ष के दौरान मीडिया कवरेज के समय रॉकेट हमलों में कम से कम 36 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे गए हैं। कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने एक बयान में यह जानकारी दी है।
सीपीजे ने कहा, “प्रारंभिक जांच से पता चला कि गत अक्टूबर को दोनों पक्षों की ओर से युद्ध शुरू होने के बाद से शुक्रवार (03 नवम्बर) तक अनुमानित 10,000 लोग मारे गए है, जिनमें कम से कम 36 पत्रकार और मीडियाकर्मी शामिल थे। गाजा और वेस्ट बैंक में 9,000 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो गई और इजराइल में 1,400 से अधिक लोग मारे गए हैं।”
सीपीजे ने बताया कि मारे गए 36 मीडियाकर्मियों में 31 फलस्तीनी पत्रकार शामिल हैं। उन्होंने बताया, “तीन नवम्बर तक 36 पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की मौत की पुष्टि की गई है। जिनमें से 31 फलस्तीनी, चार इजरायली और एक लेबनानी पत्रकार है और अन्य आठ पत्रकारों के घायल होने की सूचना मिली है। इसके अलावा तीन पत्रकार लापता बताए गए है और आठ पत्रकारों की गिरफ्तारी की भी रिपोर्ट समाने आ रही थी।
गौरतलब है कि गत सात अक्टूबर को फलस्तीनी समूह हमास ने गाजा पट्टी से इजराइल के खिलाफ भारी पैमाने पर रॉकेट हमला किया और सीमा का उल्लंघन किया। हमास के लडाकों ने इजराइली समुदायों के लोगों की हत्या की और 250 से अधिक लोगों का अपहरण कर उनकों बंधक बनाया। इजराइल ने हमले के बाद जवाबी हमले शुरू किए और 20 लाख से अधिक लोगों के घर गाजा पट्टी की पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया। इस क्रम में पानी, भोजन और ईंधन की आपूर्ति को पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
इजराइल ने 27 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों का खात्मा करने और बंधकों को छुड़ाने के लिए गाजा पट्टी के अंदर बड़े पैमाने पर जमीनी जंग शुरू की। दोनों पक्षों की ओर से संघर्ष के बढ़ने से इजरायल में अब तक करीब 1,400 और गाजा पट्टी में 9,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।