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गुजरात : सूरत में 30 वर्ष पुराना कूलिंग टॉवर नियंत्रित विस्फोट के जरिए ध्वस्त किया गया

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सूरत, 21 मार्च। गुजरात के सूरत में उतरन पावर स्टेशन पर स्थित 30 वर्ष पुराने कूलिंग टॉवर को मंगलवार को नियंत्रित विस्फोट के जरिए ध्वस्त कर दिया गया। 85 मीटर लंबे आरसीसी टावर को धूल के गुबार के बीच तोड़े जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

पावर स्टेशन के मुख्य कार्यकारी अभियंता आरआर पटेल ने यह जानकारी देते हुए कहा, ‘यह कूलिंग टावर हमारे पुराने टावर की सहायक इकाई थी। संयंत्र 1993 में शुरू हुआ था। विस्फोटक सामग्री को ड्रिल करके कूलिंग टॉवर के स्तंभ में फिट किया जाता है, इसके बाद इसे धातु की जाली से ढक दिया जाता है ताकि विस्फोट के बाद धातु बाहर न निकले। दूसरी परत के रूप में एक सिंथेटिक कपड़ा डाला जाता है। हम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी कपड़े रखते हैं।’

220 किलोग्राम विस्फोटक का किया गया इस्तेमाल

अधिकारियों के मुताबिक गैस से चलने वाले ‘उतरन ताप विद्युत संयंत्र’ के करीब 72 मीटर व्यास और 85 मीटर ऊंचे आरसीसी टावर को पूर्वाह्न करीब 11.10 बजे ढहाया गया। विध्वंस के लिए 220 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। टावर सात सेकेंड के भीतर एक तेज आवाज के साथ ढह गया, जिससे धूल की एक मोटी परत फैल गई।

एहतियात के तौर पर लोगों को टावर से करीब 250-300 मीटर की दूरी पर रखने के लिए बिजलीघर के आस-पास के क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई थी। यह बिजलीघर तापी नदी के किनारे स्थित है। एक अधिकारी ने कहा कि टावर के कॉलम की खुदाई के बाद विस्फोटक लगाए गए और इसमें विशेषज्ञों की मदद ली गई।

प्रभारी अपर मुख्य अभियंता आर आर पटेल ने कहा, ‘यह टावर गुजरात राज्य विद्युत निगम के 135 मेगावाट बिजली संयंत्र का हिस्सा था और इसका इस्तेमाल शीतलन उद्देश्यों के लिए किया जाता था। इसकी ऊंचाई 85 मीटर थी, जिसका निचला व्यास 72 मीटर था।’ पटेल ने कहा कि सितम्बर, 2021 में टावर के विध्वंस की प्रक्रिया शुरू हुई और इसके बॉयलर, जनरेटर, टरबाइन और ट्रांसफार्मर को तोड़ दिया गया था।