Site icon Revoi.in

महाराष्ट्र संकट : एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हुए शिवसेना के 3 और विधायक, गुवाहाटी रवाना

Social Share

मुंबई, 23 जून। महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में जारी राजनीतिक संकट के बीच सीएम उद्धव ठाकरे के हाथ से सत्ता की चाबी निकलती जा रही है। इस क्रम में शिवसेना के तीन और विधायक गुरुवार को कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी खेमे में शामिल होने के लिए असम की राजधानी गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए।

शिंदे के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि सावंतवाड़ी से विधायक दीपक केसकर, चेंबूर से विधायक मंगेश कुडलकर और दादर से विधायक सदा सर्वंकर सुबह मुंबई से गुवाहाटी के लिए रवाना हुए। बुधवार शाम महाराष्ट्र के मंत्री गुलाबराव पाटिल सहित चार विधायक गुवाहाटी के लिए रवाना हुए थे। सूत्रों ने बताया कि शिंदे अपने साथ मौजूद विधायकों से सलाह मशविरा करेंगे और फिर तय करेंगे कि मुंबई कब लौटना है।

कुछ निर्दलीय सहित 46 विधायकों के समर्थन का दावा कर चुके हैं एकनाथ शिंदे

शिंदे ने बुधवार को गुवाहाटी पहुंचने के बाद कुछ निर्दलीय विधायकों समेत 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को एक पत्र लिखा था, जिस पर शिवसेना के 35 विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे। इसमें सुनील प्रभु की जगह भरत गोगावले को शिवसेना विधायक दल का मुख्य सचेतक बनाया गया था। शिंदे ने कहा था, ‘भारत गोगावाले को शिवसेना विधायक दल का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है। इसलिए बुधवार की शाम विधायक दल की बैठक के संबंध में सुनील प्रभु द्वारा जारी आदेश अवैध है।’

शिंदे ने यह भी कहा कि एमवीए गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस मजबूत जबकि सरकार का नेतृत्व करने वाली शिवसेना और उसके कार्यकर्ता कमजोर हो रहे हैं।

सरकारी बंगला खाली कर मातोश्री शिफ्ट हो चुके हैं सीएम उद्धव ठाकरे

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भावनात्मक अपील करने और इस्तीफा देने की पेशकश के साथ ही बुधवार रात अपना आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ खाली कर दिया था और परिवार के साथ अपने पारिवारिक आवास ‘मातोश्री’ में शिफ्ट हो गए थे।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उपजे राजनीतिक संकट के बाद शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को पार्टी विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था। हालांकि, विद्रोहियों ने संकल्प के साथ पलटवार किया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि पिछले दो साल में शिवसेना की विचारधारा से समझौता किया गया है। उन्होंने अनिल देशमुख और नवाब मलिक का जिक्र करते हुए ‘सरकार में भ्रष्टाचार’ पर भी असंतोष व्यक्त किया, जो जेल में हैं।