भिवानी (हरियाणा), 1 जनवरी। भिवानी के खनन क्षेत्र डाडम में शनिवार को पूर्वाह्न हादसा हो गया, जब पहाड़ का बड़ा हिस्सा ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को हिसार के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ और लोगों के भी मलबे के नीचे दबे होने की आंशका जताई जा रही है।
चार माइनिंग मशीनें भी मलबे में दब गईं
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जताया दुख
इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भिवानी के डाडम हादसे पर दुख जताया है। जिला प्रशासन के साथ मिलकर मुख्यमंत्री खुद रेस्कयू आपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं।
Saddened by the unfortunate landslide accident in Dadam mining zone at Bhiwani. I am in constant touch with the local administration to ensure swift rescue operations and immediate assistance to the injured.
— Manohar Lal (@mlkhattar) January 1, 2022
कृषि मंत्री जेपी दलाल भी मौके पर पहुंचे
घटना की सूचना मिलने के बाद कृषि मंत्री जेपी दलाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और मौके
भिवानी के पुलिस अधीक्षक ने दो मौतों की पुष्टि की
भिवानी के पुलिस अधीक्षक अजीत शेखावत ने बताया कि हादसे में दो लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। बचाव कार्य चल रहा है। पत्थर तोड़ने के लिए ब्लास्टिंग की जा रही है। और कितने लोग दबे हैं, यह इसके बाद ही पता चलेगा। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।
मलबा हटाने के बाद ही दबे लोगों की संख्या की होगी पुष्टि
एसएचओ सुनिल जाखड़ ने बताया कि वे अपनी टीम के साथ सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए थे। राहत और बचाव का कार्य जारी है, घटनास्थल से मलबा हटाया जा रहा है। मलबे के नीचे कितने लोग दबे हैं, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है। मलबा हटने के बाद ही पूरा पता चल पाएगा।
डंपर चालक की जुबानी – लगा कि जैसे कुछ भी नहीं बचेगा
घटना के एक गवाह खानक निवासी जसवंत ने बताया, ‘जमीन से 100-150 फीट नीचे खनन होता है। शनिवार सुबह चार पोकलेन मशीनें और चार डंपर वहां मौजूद थे। मैं भी वहीं अपने डंपर में था। करीब साढ़े नौ बजे अचानक धुल का गुब्बार छा गया और जोरदार धमाके
खुद के जिंदा होने का यकीन नहीं हो रहा था।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी पिंजोखरा निवासी चालक सतपाल ने बताया कि संभलने का मौका ही नहीं मिला। पलक झपकने जितने समय में सब कुछ हो गया। धूल में कुछ नजर नहीं आ रहा था। जोरदार धमाके के साथ गिरे पत्थर ने उसके डंपर को करीब 20 फीट आगे खिसका दिया। घबराहट के मारे बुरा हाल था। यूं लगा जैसे मौत अपनी और खींच रही है। दो-तीन मिनट बाद धमाकों का शोर और धुल का गुब्बार छटा तो लोग घटनास्थल की ओर दौड़ते दिखे। खुद के जिंदा होने का यकीन नहीं हो रहा था।