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मणिपुर हिंसा : दो पत्रकार सहित 27 लोग लापता, राजधानी इम्फाल सहित कई जिलों में भारी तनाव

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इम्फाल, 28 जुलाई। लगभग तीन माह से जातीय हिंसा की चपेट में जल रहे मणिपुर में शांति प्रयासों के तहत एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारें लगातार संबंधित समुदायों से बात कर रही हैं वहीं दूसरी ओर उग्र लोगों का हिंसक विरोध भी लगातार जारी है। इस बीच 27 राज्य में दो पत्रकार, दो नाबालिग और दो महिलाओं सहित कम से कम 27 गैर-आदिवासी व्यक्तियों के लापता होने की खबरें सामने आ रही हैं और इसे लेकर राजधानी इम्फाल समेत कई इलाकों में स्थिति बेहद तनावपूर्ण बताई जा रही है।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक लापता बताये जा रहे पत्रकारों के नाम समरेंद्र सिंह और किरणकुमार सिंह है। ये दोनों बीती शाम हुए हिंसक झड़प के बाद घर नहीं लौटे हैं और लापता बताए जा रहे हैं। पुलिस परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर दोनों पत्रकारों की तलाश कर रही है।

इम्फाल से मिल रही जानकारी के अनुसार स्थिति अब भी विस्फोटक बनी हुई है और लापता हुए 27 लोग इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, टेंग्नौपाल, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, थौबल और काकचिंग जिलों के रहने वाले बताये जा रहे हैं। इन सभी की गुमशुदगी की रिपोर्ट विभिन्न थानों में दर्ज कराई गई है और पुलिस अब तक एक भी गुमशुदा की तलाश में सफल नहीं हुई है। लापता हुए सभी 27 लोगों की उम्र 17 से 47 वर्ष के बीच बताई जा रही है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को ही मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई बर्बर और शर्मसार करने वाली अमानवीय घटना की सीबीआई जांच कराने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि सरकार ऐसे अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रखती है और मामला की तह में जाकर दोषियों को कड़ी सजा दिलाना ही सरकार का मकसद है।

केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से मणिपुर में बीते चार मई को महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वायरल वीडियो वायरल को शर्मनाक मानते हुए हलफनामे में कहा कि मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी जा रही है और मणिपुर के बाहर इस मुकदमे को समयबद्ध अवधि में पूरा किया जाएगा।

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