नई दिल्ली, 25 मई। संसद की नई इमारत के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का विपक्ष के आह्वान के बीच 25 राजनीतिक दलों के इसमें शामिल होने की संभावना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 18 घटक दलों के साथ ही सात गैर-राजग दल समारोह में शामिल होंगे।
राजग के 18 घटक दलों के साथ 7 गैर-राजग दल समारोह में शामिल होंगे
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार, 28 मई को एक भव्य समारोह में नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। भाजपा के अलावा शिवसेना, नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जननायक जनता पार्टी, अन्नाद्रमुक, आईएमकेएमके, आजसू, आरपीआई, मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनीला कांग्रेस, आईटीएफटी (त्रिपुरा), बोडो पीपुल्स पार्टी, पीएमके, एमजीपी, अपना दल और एजीपी के नेता समारोह में शामिल होंगे।
वहीं बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्यूलर), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी समारोह में शामिल होने वाले सात गैर-राजग दल हैं। लेकिन कांग्रेस, माकपा, भाकपा, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत 21 दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है।
7 गैर-राजग दलों के लोकसभा में 50 सदस्य हैं
उद्घाटन समारोह में शामिल होने वाले सात गैर-राजग दलों के लोकसभा में 50 सदस्य हैं और इनका यह रुख भाजपा नीत राजग के लिए बड़ी राहत वाला होगा। इन दलों के भाग लेने से राजग को विपक्ष के इन आरोपों का खंडन करने में मदद मिलेगी कि यह एक सरकारी आयोजन है।
विभिन्न धर्मों की प्रार्थना के साथ शुरू होगा उद्घाटन समारोह
नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह रविवार को सुबह 7.30 बजे हवन और विभिन्न धर्मों की प्रार्थना के साथ शुरू होगा। सुबह की पूजा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपसभापति हरिवंश और कुछ शीर्ष अधिकारियों के उपस्थित होने की उम्मीद है। इसके बाद पीएम मोदी लोकसभा कक्ष में औपचारिक उद्घाटन करेंगे।
“सेंगोल” का अर्थ "नीतिपरायणता" है । यह अनंत संभावनाओं और एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण का संकल्प है ।
भारत की संप्रभुता का साक्षी सेंगोल अब होगा नए संसद भवन में स्थापित। आइए देखें सेंगोल का इतिहास और जानें इस प्रतीक का महत्व#SengolAtNewParliament pic.twitter.com/6Bc5GQX2Ym
— Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल (@DDNational) May 25, 2023
अधिकारियों ने कहा कि सुबह नए भवन के बाहर संसद परिसर में हवन होगा, जहां शैव संप्रदाय के महायाजक औपचारिक राजदंड ‘सेंगोल’ मोदी को सौंपेंगे। सेंगोल को नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा। नए संसद भवन के उद्घाटन का मुख्य समारोह रविवार दोपहर प्रधानमंत्री, पूर्व उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और अन्य की उपस्थिति में शुरू होने की संभावना है।
त्रिकोणीय आकार के चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर
त्रिकोणीय आकार के चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है। भवन के तीन मुख्य द्वार हैं – ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। संसद का मौजूदा भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था, और अब यह 96 साल पुराना है। पुरानी इमारत वर्तमान समय की आवश्यकताओं के लिए अपर्याप्त पाई गई थी।
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थल होगा। मौजूदा भवन ने स्वतंत्र भारत की पहली संसद के रूप में कार्य किया और यह संविधान को अपनाने का साक्षी भी बना।
2006 में संसद संग्रहालय शामिल किया गया था
मूल रूप से ‘काउंसिल हाउस’ कहे जाने वाले इस भवन में ‘इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल’ स्थित थी। अधिक जगह की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 1956 में संसद भवन में दो मंजिलों को जोड़ा गया था। भारत की 2,500 वर्षों की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए इसमें 2006 में संसद संग्रहालय शामिल किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान भवन को कभी भी द्विसदनीय विधायिका को समायोजित करने के लिहाज से डिज़ाइन नहीं किया गया था और बैठने की व्यवस्था तंग एवं बोझिल थी, तथा दूसरी पंक्ति के बाद कोई डेस्क नहीं था। मौजूदा भवन में सेंट्रल हॉल में केवल 440 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है और दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के दौरान अधिक जगह की आवश्यकता महसूस की गई थी।