लाहौर, 12 मई। पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने पिछले वर्ष पंजाब प्रांत में एक हिन्दू मंदिर पर हमला करने के मामले में 22 लोगों को पांच-पांच वर्ष जेल की सजा सुनाई।
84 संदिग्धों के खिलाफ पिछले वर्ष सितंबर में शुरू हुई थी सुनवाई
लाहौर से करीब 590 किलोमीटर दूर रहीम यार खान जिले के भोंग शहर स्थित गणेश मंदिर पर जुलाई, 2021 में सैकड़ों लोगों ने हमला कर दिया था। आठ वर्षीय एक हिन्दू लड़के द्वारा कथित रूप से एक मदरसे को अपवित्र करने की प्रतिक्रिया में मंदिर पर हमला किया गया था। इस मामले में गिरफ्तार 84 संदिग्धों के खिलाफ सुनवाई पिछले वर्ष सितंबर में शुरू हुई थी, जो पिछले हफ्ते पूरी हुई।
अदालत के एक अधिकारी ने बताया, ‘आतंकवाद रोधी अदालत (बहावलपुर) के न्यायाधीश नासीर हुसैन ने फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने 22 लोगों को पांच-पांच वर्ष जेल की सजा सुनाई और 62 अन्य व्यक्तियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।’
संदिग्धों से मुआवजा वसूल कर कराया गया था मंदिर का जीर्णोद्धार
शीर्ष अदालत के आदेश पर सरकार ने पहले संदिग्धों से 10 लाख पीकेआर (4 लाख रुपये) से अधिक मुआवजा वसूल किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया।
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने जताया था खेद
तब पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने खेद व्यक्त किया कि गणेश मंदिर में बर्बरता ने देश को शर्मसार कर दिया क्योंकि पुलिस ने मूक दर्शकों की तरह काम किया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि कल्पना कीजिए कि अपवित्रता की घटना ने हिन्दू समुदाय के सदस्यों को कितनी मानसिक पीड़ा दी होगी। पाकिस्तान की संसद ने भी एक प्रस्ताव पारित कर मंदिर हमले की निंदा की थी।