इम्फाल, 19 जुलाई। पूर्वोत्तर के हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर से दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें सैंकड़ों की भीड़ दो महिलाओं को सड़क पर निर्वस्त्र कर घुमाती दिख रही है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो देख लोगों ने नाराजगी जताई है प्रशासन से दोषियों को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं।
कांगपोकपी जिले में गत 4 मई को हुई थी घटना
कुकी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के एक बयान के अनुसार यह घटना राज्य की राजधानी इम्फाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में गत चार मई को हुई थी। संगठन ने यह भी आरोप लगाया है कि पास के एक खेत में ले जाकर दोनों महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।
कैमरे पर रिकॉर्ड हुई इस डरावनी घटना से एक दिन पहले तीन मई को ही मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू हुई थी। घाटी-बहुसंख्यक मैतेई और पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी जनजाति के बीच अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई की मांग को लेकर झड़पें हुईं थीं। तब से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
ILTF का दावा – दोनों पीड़िताएं कुकी समाज से थीं
अब इस खौफनाक वीडियो ने सभी को हिलाकर रख दिया है। दो महिलाओं को दिन में खुलेआम नग्न कर परेड कराया जा रहा है। महिलाओं के साथ पुरुषों की भीड़ चलती दिखाई दे रही है। भीड़ में चल रहे वहसी दरिंदे लड़की को थप्पड़ मार रहे हैं और जबर्दस्ती उसके प्राइवेट पार्ट छू रहे हैं। कुकी संगठन ILTF का कहना है कि ये दोनों पीड़िताएं कुकी समाज से थीं। कुकी संगठन ने दावा यह भी दावा किया कि मैतेई समुदाय की भीड़ ने महिलाओं को नंगा कर के सड़क पर पहले घुमाया और फिर धान के खेत में ले जाकर उनका गैंगरेप किया।
संगठन ने कहा, ‘एक वीडियो जो आज वायरल हुआ, उसमें एक बड़ी मैतेई भीड़ दो कुकी-जो आदिवासी महिलाओं को सामूहिक बलात्कार के लिए धान के खेत की ओर नग्न कर ले जाती दिखाई दे रही है। यह घृणित कृत्य चार मई को कांगपोकपी जिले में हुआ था। यह दिखाता है कि पुरुष लगातार असहाय महिलाएं के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, वे रो रही हैं और उन्हें छोड़ने की विनती कर रही हैं।’
राष्ट्रीय महिला आयोग व राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से काररवाई की अपील
आईटीएलएफ ने राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से काररवाई की अपील करते हुए कहा, ‘इन निर्दोष महिलाओं द्वारा झेली गई भयावह यातनाओं को अपराधियों द्वारा सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करके और बढ़ाया गया है। वीडियो पीड़ितों की पहचान दर्शाता है।’
मणिपुर पुलिस की ओर से कोई टिप्पणी सामने नहीं आई
इस बीच मणिपुर पुलिस ने अब तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है कि क्या किसी को गिरफ्तार किया गया है या मामला दर्ज किया गया है। राजनीतिक नेताओं और अन्य लोगों ने सोशल मीडिया पर मणिपुर की घटना पर दुख व्यक्त किया है और केंद्र व राज्य सरकार से इस भयावह कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ काररवाई करने को कहा है।
प्रियंका गांधी बोलीं – तस्वीरें दिल दहला देने वाली
वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है। समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है। हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हिंसा की एकस्वर में निंदा करनी पड़ेगी। केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी, आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?’