जम्मू, 17 नवम्बर। कश्मीर में उन दो पाकिस्तानी बहुओं को जनप्रतिनिधि बनने का अधिकार नहीं मिलेगा, जो आतंकी बनने गए युवकों के साथ ब्याह करके सीमा से इस पार आई थीं।
इन पाकिस्तानी बहुओं ने वर्ष 2020 के दिसम्बर महीने में डीडीसी चुनावों में किस्मत तो आजमाई, लेकिन नागरिकता विवाद के चलते उनकी किस्मत की पेटी को स्ट्रांग रूम में बंद कर दिया गया था। अब उस चुनाव को रद करके पांच दिसम्बर को नए तौर पर मतदान करवाने की घोषणा की गई है।
सोमैया सदाफ व शाजिया ने डीडीसी चुनावों में आजमाई थी किस्मत
दरअसल सोमैया सदाफ ने, जो एक पाकिस्तानी नागरिक हैं और एक दशक पहले से कश्मीरी पति के साथ यहां रह रही थीं, उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में द्रगमुल्ला से डीडीसी चुनावों में किस्मत आजमाई थी। इसी तरह हाजिन-ए में भी मतगणना की प्रक्रिया रोक दी गई क्योंकि उम्मीदवार शाजिया पीओके से थी, जिसने एक कश्मीरी से शादी की थी, जो वहां आतंकी बनने के लिए हथियारों के प्रशिक्षण के लिए गया था।
नामांकन के समय नहीं जताई गई थी आपत्ति
दोनों की इस किस्मत आजमाई के खेल में रोचक बात यह थी कि जब उन्होंने चुनाव के लिए पर्चा भरा था, तब इस पर कोई आपत्ति नहीं की गई थी। इस पर अब प्रशासन का कहना है कि उन्होंने ये बातें अपने दस्तावेजों में छुपाई थीं।
इससे पहले भी 2018 में हुए पंचायत चुनावों में कश्मीर में दो पाकिस्तानी बहुएं पंच और सरपंच चुनी गई थीं। हालांकि तब भी पुंछ में एक पाकिस्तानी बहू को पंचायत चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। बहरहाल, अब सभी संबधित औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद प्रदेश चुनाव आयोग ने डीडीसी के रिक्त पड़ी इन दोनों सीटों के लिए दोबारा से चुनाव कराने का फैसला किया है।
दोबारा चुनाव के लिए हो चुकी है तैयारी
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि हाजिन-ए में 7,312 महिला और 8,039 पुरुष मतदाताओं समेत 15,351 मतदाताओं के लिए 12 स्थानों पर 57 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। द्रगमुला कुपवाड़ा डीडीसी निर्वाचन क्षेत्र में 16,688 पुरुष और 16,157 महिलाओं समेत 32,845 मतदाताओं के लिए 24 स्थानों पर 42 मतदान केंद्र बनाए गए है।
संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के विस्थापित कश्मीरी पंडित मतदाताओं के लिए डाकमत की भी व्यवस्था है और वे इसके लिए 21 नवम्बर 2022 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा विस्थापित कश्मीरी हिन्दू मतदाताओं के लिए जम्मू में दो और उधमपुर में एक मतदान केंद्र बनाया गया है।