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UPSC सिविल सेवा परीक्षा परिणाम में 2 आयशा को मिली 184वीं रैंक, रोल नंबर भी एक, दोनों का चयन पर दावा

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नई दिल्ली, 24 मई। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से मंगलवार को जारी सिविल सेवा 2022 परीक्षा के परिणाम को लेकर मध्य प्रदेश से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि एक ही रोल नंबर पर दो लड़कियों ने परीक्षा दी, इंटरव्यू दिया और अब दोनों को 184वीं रैंक मिली है। किसका दावा कितना सही है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन दोनों के घर जश्न का माहौल है।

दरअसल, देवास की आयशा फातिमा और अलीराजपुर की आयशा मकरानी दावा कर रही हैं कि उन्हें 184वीं रैंक मिली है। मामला सामने आने के बाद जब दोनों के एडमिट कार्ड देखे गए तो अलीराजपुर की आयशा के एडमिट कार्ड में कुछ गलतियां दिखीं। पहला यह कि देवास वाली आयशा के एडमिट कार्ड पर UPSC का वाटर मार्क भी है जबकि आलीराजपुर वाली आयशा का एडमिट कार्ड सादे कागज पर प्रिंट आउट जैसा लग रहा है।

दूसरा कारण यह दिखा कि देवास वाली आयशा के एडमिट कार्ड में QR कोड भी है, जिसे स्कैन करने पर वही जानकारी सामने आ रही है जो एडमिट कार्ड में लिखी है। दूसरी ओर आलीराजपुर वाली आयशा के एडमिट कार्ड में क्यूआर कोड है ही नहीं।

तीसरा कारण यह है कि अलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड में पर्सनालिटी टेस्ट की तारीख 25 अप्रैल लिखी थी और दिन गुरुवार बताया गया था वहीं देवास की आयशा फातिमा के कार्ड पर भी पर्सनालिटी टेस्ट की तारीख 25 अप्रैल था, लेकिन दिन मंगलवार था। हकीकत में 25 अप्रैल को मंगलवार ही था। साथ ही अलीराजपुर की आयशा अपने साथ फ्रॉड होने की बात भी कह रही हैं जबकि देवास की आयशा अपनी इस उपलब्धि को लेकर पूरी तरह कॉन्फिडेंट हैं।

देवास की आयशा ने चौथे प्रयास में पाई है सफलता

आयशा फातिमा ने देवास के विंध्याचंल स्कूल से 11वीं तक की पढ़ाई कर 12वीं मॉडल पब्लिक स्कूल से पास की है। आयशा के पिता नज़ीरूद्दीन शेख सरकारी शिक्षक हैं और मां स्कूल संचालिका हैं। आयशा अपने माता पिता की दूसरी बेटी हैं। उन्‍होंने इंजीनियर बनने के लिए JEE एग्‍जाम पास कर  SGSITS कॉलेज, इंदौर से इलेक्ट्रिकल ब्रांच से ग्रेजुएशन किया। हालांकि, मन में कुछ बड़ा करने की इच्‍छा थी तो UPSC की तैयारी शुरू की और चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिली। रैंक के हिसाब से आयशा अब IPS बनेंगी।