अहमदाबाद, 16 सितम्बर। अहमदाबाद की एक अदालत ने शुक्रवार को गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक जिग्नेश मेवाणी सहित 19 लोगों को 2016 के दंगे के एक मामले में छह महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई। यह मामला मेवाणी और उनके सहयोगियों द्वारा सड़क जाम करने के आंदोलन से जुड़ा था।
अपील दायर करने के लिए 17 अक्टूबर तक सजा निलंबित
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पीएन गोस्वामी ने, जिन्होंने मेवाणी और अन्य पर जुर्माना लगाया, उनकी सजा को 17 अक्टूबर तक के लिए निलंबित कर दी ताकि वे अपील दायर कर सकें।
उल्लेखनीय है कि गुजरात विश्वविद्यालय के कानून विभाग के एक निर्माणाधीन भवन का नाम डॉ. बी.आर. आंबेडकर के नाम पर रखने की मांग को लेकर 2016 में अहमदाबाद के विश्वविद्यालय पुलिस स्टेशन में मेवाणी और 19 अन्य के खिलाफ सड़क नाकाबंदी करने का मामला दर्ज किया गया था।
आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी सभा) और 147 (दंगा) के साथ-साथ गुजरात पुलिस अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान एक आरोपित की मौत हो गई।
प्रमुख दलित नेता मेवाणी की बात करें तो उन्होंने 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता था। बाद में पार्टी ने उन्हें अपनी गुजरात इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया।