लखनऊ, 8 जनवरी। उत्तर प्रदेश में आगामी 10 फरवरी से सात चरणों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कुल 150 कम्पनियां उपलब्ध कराई जाएंगी। यूपी पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 50 और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) तथा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 30-30 कम्पनियां राज्य में भेजी जाएंगी। इसके अलावा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 20-20 कम्पनियां उपलब्ध कराई जाएंगी।
सीएपीएफ की एक कम्पनी में आमतौर पर लगभग सौ कर्मी होते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पारदर्शी और प्रभावी ढंग से चुनाव कराने के उद्देश्य से पहले चरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 10 जनवरी से 150 कम्पनियां भेजी जाएंगी।
अधिकारी ने बताया कि सीएपीएफ की इन कम्पनियों को संवेदनशीलता और आवश्यकता के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 78 जिलों और आयुक्तालयों को आवंटित किया जा रहा है। लखनऊ पुलिस मुख्यालय द्वारा जिलों को निर्देश जारी किया गया है कि क्षेत्र में फ्लैग मार्च करें और विधानसभा चुनाव के लिए स्थानीय पुलिस से संपर्क स्थापित करें।
प्रयागराज को सीआरपीएफ की सर्वाधिक चार कम्पनियां
मतदान के लिए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में से प्रयागराज को सीआरपीएफ की सर्वाधिक चार कम्पनियां मिली हैं। राज्य के चार जिलों में पुलिस की आयुक्तालय (पुलिस कमिश्नरेट) प्रणाली लागू है। इनमें से लखनऊ, कानपुर और वाराणसी को तीन-तीन जबकि गौतम बुद्ध नगर को दो कम्पनियां दी गई हैं। राज्य के 25 जिलों को सीएपीएफ की एक-एक कम्पनी दी गई है जबकि 35 जिलों को दो-दो, 17 को तीन-तीन और एक को चार कम्पनियां उपलब्ध कराई गई हैं।