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पंजाब : चरणजीत चन्नी कैबिनेट का विस्तार, पूर्व हॉकी कप्तान परगट सिंह सहित 15 मंत्रियों ने ली शपथ

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चंडीगढ़, 26 सितम्बर। पंजाब में चरणजीत सिंह चन्‍नी के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रिमंडल का रविवार को विस्‍तार हुआ। राज्‍यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने राजभवन में आयोजित समारोह 15 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी को डिप्टी सीएम बनाने पर पहले ही मुहर लग गई थी।

नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार की पत्नी रजिया सुल्ताना को कैबिनेट में जगह

पंजाब कैबिनेट विस्तार में पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान परगट सिंह सरीखे कुछ नए चेहरे हैं तो कुछ की छुट्टी हो गई है। मंत्रिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के करीबियों के साथ कैप्टन अमरिंदर के कई विरोधियों को भी जगह मिली है। इसी क्रम में सिद्धू के सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना को कैबिनेट में जगह दी गई है।

ब्रह्म मोहिंद्रा ने सबसे पहले शपथ ली

सबसे पहले पहले ब्रह्म मोहिंद्रा ने शपथ ली। छह बार के विधायक मोहिंद्रा कैप्टन सरकार में भी मंत्री रहे। वह उनके बाद मनप्रीत सिंह बादल को शपथ दिलाई गई। मनप्रीत सिंह भी इसके पहले अमरिंदर सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। वह लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्‍होंने अकाली दल को छोड़ कांग्रेस का दामन था।

चरणजीत चन्नी ने 20 सितम्बर को ली थी सीएम पद की शपथ

गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्‍नी ने गत 20 सितम्बर को सीएम पद की शपथ ली थी। इसके छह दिनों बाद कैबिनेट विस्‍तार के तहत मंत्रियों को शपथ ग्रहण कराया गया। चरणजीत चन्नी ने राहुल गांधी और केंद्रीय आलाकमान के साथ लंबी बैठकों के बाद अपने कैबिनेट विस्तार को अंतिम रूप दिया। सीएम चन्नी ने मंत्रिमंडल विस्‍तार के लिए शनिवार को राज्‍यपाल के साथ मुलाकात की थी।

कैबिनेट में शामिल मंत्रियों का संक्षिप्त परिचय

1. ब्रह्म मोहिंद्रा पटियालावासी मोहिंद्रा कैप्टन अमरिंदर सिंह के खास माने जाते हैं। स्थानीय निकाय मंत्री रह चुके हैं। पंजाब में बड़ा हिन्दू चेहरा माने जाते हैं।

2. भारत भूषण आशु – लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। पुराने कांग्रेसी हैं, हिन्दू चेहरा, युवाओं पर पकड़, दबंग नेता के तौर पर जाने जाते हैं। फूड एंड सप्लाई विभाग संभाल चुके है।

3. मनप्रीत सिंह बादल – बादल परिवार से बगावत कर कांग्रेस में आए, वित्त मंत्री बने, अमरिंदर सिंह के खास भी रहे।

4. तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा – सिद्धू के समर्थन में कैप्टन से दुश्मनी ली, सबसे पहले बगावत का बिगुल बजाया था। कभी कैप्टन के नौ रत्नों में शुमार थे। पावरफुल कैबिनेट मंत्री रहे हैं।

5. राणा गुरजीत सिंह – कैप्टन सरकार में मंत्री बने, विवाद में नाम आने पर इस्तीफा देना पड़ा। कैप्टन के समर्थक रहे हैं।

6. अरुणा चौधरी – दीना नगर विधानसभा से विधायक। चार बार विधायक रहे जय मुनि चौधरी की पुत्रवधु हैं।

7. रजिया सुल्ताना – तीन बार की विधायक हैं। मलेरकोटला से विधायक रजिया कैप्टन सरकार में साल 2018 तक मंत्री रहीं। मंत्रिमंडल का एकमात्र मुस्लिम चेहरा।

8. भारत भूषण आशु – लुधियाना के रहने वाले आशु पुराने कांग्रेसी हैं। हिंदू चेहरा, युवाओं पर पकड़, दबंग नेता के तौर पर जाने जाते हैं। फूड एंड सप्लाई विभाग संभाल चुके हैं।

9. विजय इंदर सिंगला – शिक्षा मंत्री रहे हैं, गांधी परिवार से नजदीकियां हैं और अंत तक अमरिंदर सिंह के साथ खड़े रहे।

10. रणदीप सिंह नाभा – फतेहगढ़ साहिब की अमलोह विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। विधानसभा की लायब्रेरी कमेटी के सदस्य।

11. राजकुमार वेरका – अमृतसर वेस्ट से विधायक। लगातार तीसरी बार विधानसभा सदस्य। पंजाब कांग्रेस का दलित चेहरा। फिल्मों में भी काम कर चुके हैं।

12. संगत सिंह गिलजियान – पंजाब के उरमार से लगातार तीसरी बार विधायक। कैप्टन के धुर विरोधी माने जाते हैं। टीम सिद्धू के हिस्से से पार्टी की सरकार शामिल हुए।

13. परगट सिंह – भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान। सिद्धू के करीबी के रूप में है पहचान। जालंधर कैंट से 2012 और 2017 में विधायक।

14. अमरिंदर सिंह राजा वडिंग – 2012 में पहली बार गिद्दरबाहा सीट से विधायक निर्वाचित हुए। कैप्टन के विरोधी माने जाते हैं। छात्र राजनीति से सियासी सफर की शुरुआत की थी।

15 – गुरकीरत सिंह कोटली – खन्ना से विधायक। 2012 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। दादा बेअंत सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।