कैथल, 22 अक्टूबर। हरियाणा पुलिस ने जानकारी दी है कि उसने दिल्ली-एनसीआर में खराब होती वायु गुणवत्ता के बीच अपने खेतों में पराली जलाने के आरोप में पिछले कुछ दिनों में कैथल में 14 किसानों को गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गिरकर ‘बहुत खराब’ हो गया था और कई निगरानी स्टेशन 300 अंक के करीब पहुंच गए थे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह 8 बजे के आसपास 385 दर्ज किया गया। इससे पहले सोमवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मंगलवार सुबह से दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) स्टेज-II लागू कर दिया था।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मौसम विशेषज्ञ अक्सर दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए हरियाणा, पंजाब और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराते हैं, खासकर अक्टूबर और नवम्बर के बाद की फसल के मौसम के दौरान।
सभी गिरफ्तार किसान जमानत पर रिहा
कैथल के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) बीरभान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने के आरोप में 14 किसानों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया क्योंकि अपराध जमानती है। उन्होंने कहा, ‘वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम और कानून के अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं।’
हरियाणा व पंजाब सरकार के मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट में तलब
इससे पहले बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पैनल की आलोचना की थी और पराली जलाने के दोषी पाए गए उल्लंघनकर्ताओं पर मुकदमा न चलाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को ‘दंतहीन बाघ’ कहा था। शीर्ष अदालत ने हरियाणा और पंजाब सरकार के मुख्य सचिवों को 23 अक्टूबर को पेश होने और स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि पंजाब और हरियाणा सरकार ने पराली जलाने के खिलाफ कोई काररवाई नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यह मुद्दा कोई राजनीतिक मामला नहीं है और यदि मुख्य सचिव किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं, तो हम उनके खिलाफ भी समन जारी करेंगे।’
उल्लेखनीय है कि पराली जलाना एक पुराना मुद्दा है, जो सर्दियों के मौसम में दिल्ली और उसके पड़ोसी इलाकों में वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ाता है। सितम्बर में हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 19.8% की वृद्धि हुई, जबकि पंजाब में 28.7% की गिरावट आई।