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गुजरात : बोटाद व अहमदाबाद में जहरीली शराब पीने से 13 की मौत, कई अन्य अस्पताल में भर्ती

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अहमदाबाद, 25 जुलाई। गुजरात के बोटाद जिले और अहमदाबाद से सटे कुछ इलाकों में सोमवार को जहरीली शराब पीने की वजह से कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई अन्य को अस्पताल में भर्ती करया गया है। देर रात पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है बोटाद में आठ और अहमदाबाद में पांच लोगों की मौत हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सबसे पहले बोटाद के बरवाला तालुका के रोजिड गांव से मामला सामने आया और जल्द ही कई लोगों ने बीमारी और अन्य जटिलताओं की शिकायत शुरू कर दी। स्थिति की गंभीता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और आगे की जांच की जा रही है। आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) सहित कई एजेंसियां ​​भी जांच में शामिल हो गई हैं।

3 लोगों की हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही : गुजरात डीजीपी

गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया ने कहा, ‘जहरीली शराब पीने से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग 10 अन्य वर्तमान में अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। पुलिस ने तीन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।’

उधर अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस के सूत्रों ने बताया कि धंधुका तालुका के आकरू, अनियारी और ऊंचडी गांवों में नकली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हुई है। एक अधिकारी ने पुष्टि की कि सभी पीड़ित बोटाड जिले के नभोई गांव गए थे और वहां देशी शराब खरीदी थी। जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है, उनमें ज्यादातर की हालत गंभीर बताई जा रही है।

गुजरात में कई वर्षों से शराबबंदी कानून लागू

विडंबना देखिए कि जिस गुजरात में कई वर्षों से शराबबंदी कानून लागू, वहां पर जहरीली शराब ने इतना बड़ा कांड कर दिया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि शराब प्रतिबंधित राज्य में लोगों ने इसका इंतजाम कैसे किया। हालांकि पुलिस इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है। उसका कहना है कि जांच के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा।

राज्य में इसी वर्ष होने हैं विधानसभा चुनाव

उल्लेखनीय है कि कुछ महीनों बाद ही गुजरात में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। तमाम पार्टियां चुनावी मोड में आ चुकी हैं। ऐसे में यह जहरीली शराब कांड तूल पकड़ सकता है। गुजरात में पूरी ताकत के साथ चुनावी ताल ठोक चुके आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि गुजरात में नशाबंदी है, फिर भी राज्य में बहुत ज़्यादा दारू बिकती है। उन्होंने सवाल किया कि कौन हैं वो लोग, जो अवैध दारू बेचते हैं? जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और सारा पैसा कहां जाता है? इसकी जांच होनी चाहिए।

हालांकि गुजरात में जहरीली शराब की घटनाएं कम देखने को मिलती हैं जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार में इसके ज्यादा मामले रहते हैं। इसी साल बिहार में होली जश्न के दौरान तीन जिलों में कुल 25 लोगों ने जहरीली शराब की वजह से अपनी जान गंवा दी थी। काबिलेगौर यह है कि गुजरात की तरह बिहार में भी शराबबंदी लागू है।

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