अगरतला, 30 सितम्बर (पीटीआई)। त्रिपुरा में मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा पार्टी की तरफ से शनिवार को राज्य के जनजातीय इलाकों में 12 घंटे का ‘बंद’ जारी है। टिपरा मोथा समर्थक ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ राज्य की मांग के लिए “प्रारंभिक संवैधानिक समाधान” के लिए दबाव डाल रहे हैं।
टिपरा मोथा के युवा नेता सूरज देबबर्मा ने आक्रोश जाहिर करते हुए कहा, ’72 वर्षों से हमें भारत सरकार की तरफ से उपेक्षित किया गया है, 15 अक्टूबर 1949 से लेकर आज तक हम लोग अपनी ही मातृभूमि में हर चीज से वंचित हैं। हम पूरी तरह से तुच्छ अल्पसंख्यक बन गए हैं। यही कारण है कि हम उप-शहरी के लिए ग्रेटर टिपरालैंड की मांग कर रहे हैं।’
वहीं पश्चिम त्रिपुरा के एसपी बिजॉय देबबर्मा ने कहा, ‘समर्थक कुछ स्थानों पर इकट्ठा हुए हैं और धरना दे रहे हैं और अब तक सब कुछ ठीक है और स्थिति सामान्य है। पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है, सभी त्रिस्तरीय अधिकारी मैदान में हैं, अब सब कुछ ठीक है।’
टिपरा मोथा ने बीते विधानसभा चुनाव में 42 में 13 सीटें जीती थीं
उल्लेखनीय है कि टिपरा मोथा की तरफ से संचालित टीटीएएडीसी जनजातीय क्षेत्रों को नियंत्रित करता है, जिसमें राज्य का लगभग 70 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र शामिल है और लगभग 30 प्रतिशत आबादी रहती है। ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग को लेकर टिपरा मोथा ने इस साल विधानसभा चुनाव में 42 विधानसभा सीटों में से 13 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
टिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने पिछले हफ्ते कहा था कि समस्याओं के जल्द समाधान के लिए ये टिपरासा के लोगों के आंदोलन की शुरुआत है ताकि केंद्र तक इसका संदेश जाए। देबबर्मा ने केवल त्रिपुरा जनजातीय इलाके स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) इलाके में बंद का आह्वान किया था और टिपरासा के लोगों से इसमें हिस्सा लेने की अपील की थी।