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इंफ्रास्ट्रक्चर में क्रांति के 11 साल : वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत के उड्डयन क्षेत्र में घरेलू यात्रियों की संख्या 165 करोड़

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नई दिल्ली, 11 जून। देश के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत के विमानन क्षेत्र में परिवर्तनकारी विकास और नवाचार के युग का सूत्रपात किया है। सरकार के प्रयासों से रीजनल एयर कनेक्टिविटी को एक नया विस्तार मिला है। आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत के उड्डयन क्षेत्र में घरेलू यात्रियों की संख्या 2024-25 में 165 करोड़ रही, जो 2014-15 के मुकाबले दोगुना है।

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारतीय वाहकों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या 3.38 करोड़ रही, जो कि सालाना आधार पर 14.1 प्रतिशत की वृद्धि है और कोविड-पूर्व स्तर के 2.27 करोड़ से 49 प्रतिशत अधिक है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या का आंकड़ा 16.54 करोड़ तक पहुंच गया, जो कि सालाना आधार पर 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है। यह आंकड़ा कोविड-पूर्व स्तर (वित्त वर्ष 2020) के लगभग 14.15 करोड़ से 16.8 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2025 में भारतीय वाहकों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या 3.38 करोड़ रही।

अप्रैल 2025 में घरेलू यात्रियों की संख्या 1.45 करोड़ होने का था अनुमान

घरेलू यात्रियों की संख्या अकेले अप्रैल 2025 में 1.45 करोड़ होने का अनुमान था, जो अप्रैल 2024 की तुलना में 10.2 प्रतिशत अधिक था। एयरलाइंस ने भी अप्रैल 2025 में अपनी कैपेसिटी डिप्लॉयमेंट में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वित्त वर्ष 2025 में 86 प्रतिशत का बेहतर पैसेंजर लोड फैक्टर दर्ज किया, जो एयरलाइनों में मजबूत मांग और कुशल संचालन को दर्शाता है

23 फरवरी को देशभर में 5,35,343 यात्रियों ने उड़ान भरी

घरेलू विमानन उद्योग ने वित्त वर्ष 2025 में 86 प्रतिशत का बेहतर पैसेंजर लोड फैक्टर (पीएलएफ) दर्ज किया, जो एयरलाइनों में मजबूत मांग और कुशल संचालन को दर्शाता है। गौरतलब हो,वित्त वर्ष 2025 के दौरान 23 फरवरी को एक दिन में हवाई सफर करने वाले सबसे ज्यादा घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या दर्ज की गई। इस दिन देश भर में 5,35,343 यात्रियों ने उड़ान भरी, जो कि प्रयागराज में महाकुंभ कार्यक्रम से जुड़ी यात्रा थी।

वित्त वर्ष 2026 में घरेलू यात्रियों की संख्या में 7-10% वृद्धि होने की उम्मीद

उल्लेखनीय है, वित्त वर्ष 2026 में घरेलू यात्रियों की संख्या में 7-10 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। आईसीआरए ने भारतीय विमानन उद्योग के लिए ‘स्थिर’ दृष्टिकोण बनाए रखा है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में घरेलू यात्रियों की संख्या में 7-10 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। आईसीआरए की पिछली रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 148.8 लाख अनुमानित थी, जो वार्षिक आधार पर 11.3 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

जन सामान्य की किफायती हवाई यात्रा का सपना पहली उड़ान के साथ साकार

दरअसल, लंबे समय से आकांक्षाओं के प्रतीक के रूप में देखा जाने वाला आकाश कभी भारत में कई लोगों के लिए एक अप्राप्य सपना था। इस अंतर को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने 21 अक्टूबर, 2016 को क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस)-उड़ान (“उड़े देश का आम नागरिक”) का शुभारंभ किया। यह प्रधानमंत्री के इस विजन पर आधारित है कि हवाई चप्पल पहनने वाला एक आम आदमी भी हवाई यात्रा करने में सक्षम होना चाहिए, उड़ान का उद्देश्य सभी के लिए उड़ान को सुलभ और किफ़ायती बनाकर विमानन को बढ़ावा देना है। नागर विमानन मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित, इस प्रमुख योजना ने तब से भारत के क्षेत्रीय संपर्क परिदृश्य को बदल दिया है।

भारत को जोड़ रही है आरसीएस-उड़ान

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने 27 अप्रैल, 2017 को शिमला को दिल्ली से जोड़ने वाली पहली आरसीएस-उड़ान उड़ान का उद्घाटन किया। इसके बाद अब ‘उड़ान’ अपने 9वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। इसके तहत 619 मार्गों को चालू किया गया है और देशभर में 88 हवाई अड्डों को जोड़ा गया है।

क्षेत्रीय संपर्क का विस्तार

सिर्फ 2024 में, 102 नए आरसीएस मार्ग शुरू किए गए, जिनमें से 20 पूर्वोत्तर राज्यों में हैं। इस योजना ने 1.5 करोड़ यात्रियों के लिए किफायती हवाई यात्रा को सुगम बनाया है और इसका लक्ष्य 120 नए गंतव्यों को जोड़ने वाली एक संशोधित उड़ान पहल के माध्यम से अगले दशक में इसे 4 करोड़ और तक विस्‍तारित करना है। यह योजना हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों के लिए सहायता के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित दूरस्थ, पहाड़ी और आकांक्षी जिलों को जोड़ने को भी प्राथमिकता देती है।

उड़ान यात्री कैफे के साथ हवाई अड्डों पर किफायती भोजन

दूसरी ओर हवाई यात्रा को सबके लिए सुलभ बनाने के लिए पीएम मोदी के विजन के अनुरूप हवाई अड्डों पर किफ़ायती और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्‍य से उड़ान यात्री कैफे पहल की शुरुआत की गई। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और चेन्नई हवाई अड्डे पर कैफे शुरु किए गए हैं, जहां चाय 10 रुपये में और समोसा 20 रुपये में मिलता है। कोलकाता कैफे को काफी सफलता मिली है, जिसके कारण इस पहल का देशभर में विस्तार हुआ है।

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