लखनऊ, 23 सितंबर। अब भारत की आन-बान-शान तिरंगा देश की दूसरी सीमाओं की तरह नेपाल सीमा पर भी लहराएगा। गृह मंत्रालय ने राष्ट्रध्वज लगाने को मंजूरी दी है। इस कार्य पर करीब 20 लाख रुपये का खर्च आएगा। रुपईडीहा सीमा पर अब तक भारत का राष्ट्रध्वज नहीं लगा था।
इस क्षेत्र में भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा करीब डेढ़ सौ किलोमीटर के दायरे में फैली है। बहराइच से नेपाल जाने का मुख्य मार्ग रुपईडीहा है। सीमा पर महज एक द्वार बना हुआ है। यह द्वार नेपाल का है। इस द्वार पर भारत का कोई संकेतक नहीं लगा है। सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल की जांच चौकी पार करते ही नो-मेंस लैंड शुरू हो जाता है।
नेपाल आवागमन के लिए भारत सरकार ने इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का निर्माण शुरू कराया है। चेक पोस्ट का निर्माण लैंड पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (एलपीआई) करा रही है। चेकपोस्ट पर वाहनों की चेकिंग के साथ भारत की शान विशालकाय राष्ट्रीय ध्वज फहराने की भी कवायद चल रही है।
गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद इसका प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। अथारिटी के परियोजनाधिकारी एपी सिंह ने बताया कि चेकपोस्ट पर 105 फुट ऊंचा तिरंगा लगाया जाएगा। इसके लिए फाउंडेशन का निर्माण कराया जा रहा है। इस कार्य पर 20 लाख रुपये खर्च होंगे। झंडे का साइज भी निर्धारित हो गया है। झंडा 12 मीटर लंबा व आठ मीटर चौड़ा होगा।
रात को दमकेगी तिरंगे की आभाः नेपाल सीमा पर रात भी तिरंगे की आभा को दमकने से नहीं रोक सकेगी। चेकपोस्ट पर लगने वाले तिरंगे के करीब हाईमास्ट लाइटें लगी रहेंगी। ये लाइटें आसमान में फहरा रहे तिरंगे को फोकस करते हुए लगाई जाएंगी। इससे रात के समय भी राष्ट्रध्वज दूर से ही दिखाई देगा।
चेकपोस्ट पर नेपाल की ओर लगेगा झंडाः करीब 47 हेक्टेयर में बनने वाले इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का अंतिम छोर नेपाल के नो-मेंस लैंड की तरफ रहेगा। नेपाल की सीमा को छूने वाले हिस्से में ही तिरंगा लगाने की तैयारी है।