नई दिल्ली, 13 सितंबर, दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे सफल सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में से एक स्वच्छ भारत अभियान को 10 साल पूरे होने जा रहें है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले से स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की थी।
इसके बाद 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान देश भर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया। स्वच्छ भारत अभियान एक परिवर्तनकारी पहल रही जिसने भारत में स्वच्छता में क्रांति ला दी है, जिससे व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हुए हैं।
लाखों शौचालय उपलब्ध कराकर, शिशु मृत्यु दर को कम करके और महिलाओं की सुरक्षा में सुधार करके, इस अभियान ने भारतीयों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है।
स्वच्छ भारत अभियान के प्रमुख उद्देश्य
इस अभियान के प्रमुख उद्देश्य खुले में शौच को खत्म करना, हर घर में शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराना, ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन करना, पेयजल की पर्याप्त और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना,सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाना, जलजनित रोगों के खतरे को कम करना एवं स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी प्रथाओं को बढ़ावा देना रहा।
शिशु मृत्यु दर में कमी, डायरिया से मौतों में कमी एवं वार्षिक बचत भी
दुनिया की प्रमुख बहु-विषयक विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि इस अभियान से सालाना 60,000-70,000 शिशुओं की जान बच रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि 2014 की तुलना में 2019 में डायरिया से 3 लाख कम मौते हुई जिसका सीधा सम्बन्ध स्वछता से रहा। खुले में शौच से मुक्त गाँवों में रहने वाले परिवारों को स्वास्थ्य लगत पर प्रतिवर्ष औसतन 50 हज़ार रुपये की बचत भी हुई।