भोपाल, 24 नवंबर। इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए अन्य सुरक्षा उपायों के साथ-साथ कोरोनारोधी टीका भी बहुत जरूरी है। लेकिन मध्य प्रदेश में टीकाकरण के लिए प्रोत्साहन के अजब-गजब तरीके सामने आ रहे हैं और इसके लिए शराब को माध्यम बनाया जा रहा है।
मध्य प्रदेश : खंडवा में शराब के शौकीनों के लिए कोरोनारोधी टीके की दोनों डोज अनिवार्य
बीते दिनों खंडवा के जिला आबकारी अधिकारी आरपी किरार ने आदेश जारी किया था कि टीके की दोनों डोज ले चुके लोगों को ही दुकानों से शराब की बिक्री की जाएगी। किरार ने यहां तक कह दिया था कि शराब पीने वाले कभी झूठ नहीं बोलते, इसलिए शराब की दुकानों पर उनसे सर्टिफिकेट नहीं मांगा जाएगा और सिर्फ उनके कह देने से मान लिया जाएगा कि उन्होंने टीके की दोनों डोज लगवा ली है।
वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट दिखाइए, शराब खरीद पर 10 प्रतिशत छूट पाइए
अब मंदसौर जिला प्रशासन की एक घोषणा खूब सुर्खियां बंटोर रही है। इस घोषणा में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को शराब पर 10 फीसदी की छूट दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए संबंधित व्यक्ति को वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा।
जिला आबकारी विभाग ने बताया कि कोविड-19 वैक्सिनेशन में सहयोग करने तथा दोनों डोज लगने का प्रमाण प्रस्तुत करने पर देशी मदिरा की दुकानों पर 10% की छूट प्रदान की जाएगी। मंदसौर के जिला आबकारी अधिकारी अनिल सचान ने बताया कि यह छूट सीतामऊ फाटक, भुनियाखेड़ी और पुराने बस स्टैंड स्थित शराब की दुकानों पर लागू होगी।
वैक्सिनेशन में पीछे चल रहा मंदसौर जिला
दरअसल, मंदसौर में लोग वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवा रहे हैं। जिला प्रशासन की कोशिशों के बावजूद वैक्सिनेशन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है, इसलिए यह अजब घोषणा की गई है। अनिल सचान ने यह भी कहा कि इसका खास ख्याल रखा जाएगा कि योजना का दुरुपयोग न हो। यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो जिले के अन्य हिस्सों में भी इसे लागू किया जाएगा।
मंदसौर विधायक यशपाल सिंह बोेले – यह शासन का फैसला नहीं
हालांकि, इस घोषणा को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस तरह का नवाचार उचित नहीं है।
टीकाकरण का आज महाअभियान
इस बीच जिले में बुधवार को वैक्सिनेशन महाअभियान का आयोजन किया गया है। शत-प्रतिशत वैक्सिनेशन करने के लिए प्रशासन हर तरह से लोगों को प्रेरित कर रहा है। गौरतलब है कि वैक्सिनेशन के मामले में मध्य प्रदेश ने रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन कुछ जिलों में उम्मीद के अनुरूप टीकाकरण अभियान रफ्तार नहीं पकड़ सका है।