नई दिल्ली, 11 जून। भारतीय क्रिकेट के धाकड़ हरफनमौला खिलाड़ियों में शुमार किए जाने वाले युवराज सिंह ने वर्षों बाद अपनी पीड़ा सार्वजनिक की है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि वर्ष 2007 के टी20 विश्व कप के लिए उन्होंने कप्तानी पाने की उम्मीद लगा रखी थी, लेकिन एन वक्त पर महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया की कमान सौंप दी गई।
क्रिकेट बिरादरी में युवी के नाम से मशहूर इस वामहस्त क्रिकेटर ने गौरव कपूर के शो 22 यार्ड्स पॉडकास्ट में कहा, ‘तो भारतीय टीम 50 ओवर का वर्ल्ड कप हार चुकी थी, सही बात है ना? भारतीय क्रिकेट में उस समय काफी हलचल थी और इसके बाद भारत का इंग्लैंड का दो महीने का दौरा था। इसके अलावा साउथ अफ्रीका और आयरलैंड का भी दौरा था। फिर एक महीने के लिए टी20 वर्ल्ड कप था। तो कुल मिलाकर चार महीने घर से दूर रहना था।’
अपने चमकदार करिअर में कैंसर से भी जूझने वाले युवराज ने कहा, ‘तो शायद सीनियर्स को लगा कि उन्हें एक ब्रेक लेने की जरूरत है। जाहिर सी बात है किसी ने भी टी20 वर्ल्ड कप को गंभीरता से नहीं लिया था। मुझे उम्मीद थी कि मैं टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का कप्तान बनूंगा, लेकिन फिर महेंद्र सिंह धोनी को कमान सौंप दी गई।’
- कप्तान कोई हो, आपको उसका समर्थन करना ही चाहिए
यह पूछे जाने पर कि कप्तान बनने के बाद धोनी के साथ रिश्ते कैसे रहे, युवी ने कहा, ‘जो भी कप्तान हो आपको उसका समर्थन करना ही चाहिए। फिर चाहे वह राहुल हों, सौरभ गांगुली या फिर भविष्य में कोई भी रहे। आखिरकार, आप टीममैन होना चाहते हैं और मैं भी ऐसा ही था।’
गौरतलब है कि टी20 वर्ल्ड कप में भारत की खिताबी जीत में युवराज ने शानदार प्रदर्शन किया था। टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने कई यादगार पारियां खेली थीं और इंग्लैंड के खिलाफ हुए मैच में स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में तो उन्होंने छह छक्के जड़ दिए थे। फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था। फिर 2011 में जब भारतीय टीम ने 28 वर्षों बाद 50 ओवरों का एक दिनी विश्व कप जीता तो उस दौरान भी युवी ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया था।