मुंबई, 4 जून। देश की तमाम छोटी-बड़ी कम्पनियां कोरोनाकाल में मृत कर्मचारियों के परिजनों को यथासंभव अलग-अलग तरीके से मदद कर रही हैं। अब इस कड़ी में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने रिलायंस इंडस्ट्रीज का भी नाम जुड़ गया है, जिसने ऐसे पीड़ितों के भरण पोषण के लिए कई घोषणाएं की हैं।
वस्तुतः एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की अगुआई वाले रिलायंस समूह ने ‘रिलायंस फैमिली सपोर्ट एंड वेलफेयर स्कीम’ के तहत कोरोनाकाल में मृत कर्मचारियों के परिवारों की आर्थिक मदद का यह एलान किया है। यह योजना न सिर्फ उन परिवारों को आर्थिक संकट से उबरने में सहयोग करेगी बल्कि उनके भविष्य को सवांरने में भी कारगर साबित होगी।
मुकेश व नीता अंबानी ने कर्मचारियों के लिए जारी किया संदेश
रिलायंस के कर्मचारियों और उनके परिवारों को ढाढस बंधाने के लिए मुकेश अंबानी व उनकी पत्नी नीता अंबानी ने एक संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि कम्पनी हर हालात में उनका ख्याल रखेगी। संदेश में अंबानी दम्पति कहा, “जिन साथियों ने कोरोना के कारण अपनी जान गंवा दी है, रिलायंस उनके परिवार के साथ खड़ा है। हम रिलांयस परिवार के हर सदस्य के लिए ‘रिलायंस फैमिली सपोर्ट एंड वेलफेयर स्कीम’ की घोषणा कर रहे हैं।”
बच्चों की स्नातक तक की पढ़ाई का पूरा खर्च कम्पनी देगी
कम्पनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले हर कर्मचारी के नामित को उसके अंतिम वेतन जितनी धनराशि सहायता के तौर पर पांच वर्षों तक हर माह दी जाएगी। दिवंगत कर्मचारियों के बच्चों के लिए भारत के किसी भी शिक्षण संस्थान में स्नातक तक की पढ़ाई के साथ-साथ पुस्तकों, ट्यूशन फीस और हॉस्टल फीस का पूरा खर्च भी कम्पनी उठाएगी।
दिवंगत अस्थायी कर्मचारियों के परिजनों को भी 10 लाख तक की मदद
बयान के अनुसार जो दिवंगत कर्मचारी पे-रोल पर नहीं थे, उनके परिवार को भी 10 लाख रुपये तक का आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। इसके साथ ही सभी दिवंगत कमर्चारियों के जीवनसाथी, माता-पिता और बच्चों को 100% लाइफटाइम मेडिकल कवरेज दिया जाएगा।
कोविड19 अवकाश के साथ इलाज का सारा खर्च भी मिलेगा
इसके अलावा किसी कर्मचारी या उसके परिवार के किसी सदस्य के संक्रमित होने पर वह कर्मचारी तब तक कोविड-19 अवकाश का इस्तेमाल कर सकता है, जब तक वह शारीरिक और मानसिक रूप से एकदम स्वस्थ महसूस नहीं करता। यही नहीं, संक्रमित व्यक्ति के इलाज का सारा खर्च भी कम्पनी द्वारा भरा जाएगा, जिसमें कर्मचारी, उनके पार्टनर (जीवनसाथी), माता-पिता और कमर्चारी के ऊपर निर्भर बच्चों का अस्पताल खर्च शामिल होगा।