लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 और एमएलसी चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी में लगी हुई है। प्रदेश से लेकर जिला स्तर पर संगठन में नए और संघर्षशील चेहरों को तवज्जो दी जाएगी। पार्टी ऐसे लोगों को जिले की कमान सौंपेगी, जिनकी छवि साफ होने के साथ ही जुझारू होगी। इस मुद्दे पर शीर्ष नेतृत्व एक-एक जिले की स्थिति पर मंथन कर रहा है।
बदलाव को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पहले ही ऐलान करते हुए कहा था कि वे ईद के बाद पार्टी को मिली हार को लेकर समीक्षा करेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पहले फ्रंटल संगठनों की कमेटियों को भंग कर नए सिरे से गठन होगा। इसके बाद मुख्य कमेटी में भी बदलाव होंगे।
शीर्ष नेतृत्व की रणनीति है कि लंबे समय से पार्टी में संघर्षशील रहने वाले युवाओं को आगे किया जाए। ताकि वे जनहित के मुद्दे को धमाकेदार तरीके से उठा सकें। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब जिलों में पुराने पैटर्न पर जिलाध्यक्षों का मनोनयन नहीं होगा। जिले की कमान सौंपने से पहले उसकी नेतृत्व क्षमता का आकलन किया जाएगा।